विभिन्न प्रकार के पेट दर्द और दवा |
पेट दर्द एक बिल्कुल समान आम समस्या है और पेट दर्द अलग-अलग कारणों से होता है और कारण बदलने के साथ पेट दर्द होने की जगह भी बदल जाती है इसी कारण से काफी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है जब पेशेंट आता है तो उसे किस तरह की दवा दी जाए, किस तरह की दवा दी जाए जिससे उसका जल्दी पेट ठीक हो जाए इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आज हम जानेगे पेट दर्द को कैसे पहचानें?
साथ ही किस कारण से पेट के किस हिस्से में दर्द होता है?
पेट के किन हिस्सों में दर्द होने पर कौन सी टूट जाता है?
पेट दर्द को किसी परिचित के लिए सबसे पहले हमें पेट की संरचना एब्डोमिनल एनाटॉमी की जानकारी होना जरूरी है यह एब्डोमिनल एरिया हमारी नाभि के ऊपर नीचे दायें तथा बाइक का जो एरिया हैं
विभिन्न प्रकार के पेट दर्द |
पूरा कंप्लीट होता है ये हमारे फेफड़े से खत्म होने से घेरा जो कमर का निचला हिस्सा है, यहां तक का एरिया इसे हम चित्र से समझ लेते हैं क्योंकि आप स्क्रीन पर देखकर पा रहे हैं निशान खत्म होते ही हमारा लिवर शुरू हो जाता है। और लिवर के नीचे बाईं ओर पेट जैसे कि हिंदी में आमाशय और लिवर के राइट साइड में नीचे की ओर पित्ताशय है, गालब्लैडर के नीचे लार्ज इंटेनस्टाइन जो असेंडिंग लार्ज इन्टेंस्टाइन भी कहते हैं, भोजन को ऊपर की ओर भेजती है फिर बीच में सेंटर हो के बाईं बड़ी आंत से नीचे की ओर मलाशय में चला जाता है और जो बड़ी आंत में ऊपर की ओर जाता है, जो पीछे की तरफ वाली होती है, इसके नीचे जो छोटा मुंह दिखाता है, यह अपेंडिक्स है
अपेंडिक्स से थोड़ा ऊपर की ओर इसके पीछे किडनी होती है? केंद्र में ऊपर पेट होता है इसके ठीक पीछे की ओर पेनक्रियाज होती है पेनक्रियाज के नीचे जो केंद्र में आ जाती है, छोटी आंत रहती है और यदि बाईं ओर की दिशा में होती है तो बाईं ओर बड़ी आंत में होती है
मतलब नीचे की तरफ जो खाने को भेजता है और लेफ्ट साइड किडनी भी होती है और अब अगर लोअर एब्डोमेन की बात करें तो लोअर एब्डोमेन में फीमेल अगर बात करें तो यहां पे यूटरस वेरी यह जरूरी रहते हैं और बाकी पुरुष और महिला दोनों में रेक्टम और यूरिनरी ब्लेडर ये सभी होते हैं तो यह मोटा मोटा एनाटोमी था जीसको आपको इसकी जानकारी जानने के लिए जरूरी था कि आप पेट में किस तरफ कौन सी चीज है? अब हम यह समझ लेते हैं कि किस जगह पर किस कारण से दर्द होता है और थोड़ा बहुत आपको कॉस लग गया होगा जिससे कि आप एनाटॉमी जानी जाती थी अब बात करते हैं अपर एब्डोमिनल पेन है जहां सबसे ऊपर हमें कलेजे में जो होता है फेफड़े के नीचे दर्द होता है बीचोबीच तो यह दर्द, पेप्टिक अल्सर, हार्ट बर्न और इनडाइजेशन अपच की वजह से हो सकता है
अगर बात करें पेट के ऊपरी हिस्से में राइट साइड में और किस तरह का दर्द होता है तो ये गाल ब्लेडर में किसी तरह की समस्या होने पर गिल स्टोन होने पर पथरी हो जाने पर गाल ब्लैडर में यह दर्द होता है और ऊपरी साइड की जो लेफ्ट साइड है इसमें अपर साइड का साइड और अपर साइड के लेफ्ट हैं ये तीनों ही दोनों फेफड़े के नीचे और आघात के पास में ये लगातार जो दर्द होता है वो आपको होता है पेनक्रिएटाइटिस पेनक्रियाज में सूजन आ जाने के कारण से
अब अगर आगे बढ़ता है, राइट साइड में पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, वो क्यों होता है? उसे एपेंडिस के कारण गुर्दे के कारण होता है और महिलाओं में किसी भी प्रकार की समस्या होने का कारण ऊपरी पेट में दर्द होता है और इसका एक कारण होता है
कोलाइटिस होने के कारण ही किडनी में किसी भी तरह की समस्या के कारण ये लोअर लेफ्ट साइड में दर्द हो सकता है अब पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है जो अपनी नाभि के नीचे का जो नाभि है यहां पे दर्द होता है यहां दर्द होने का कारण यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है है आईबीएस इरीटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या ब्लोटिंग का मतलब बहुत अधिक गैस बन सकती है और इसके अलावा महिलाओं में पैल्विक इनफॉरमेट्री डिजीज या गर्भाशय से संबंधित किसी प्रकार की समस्या हो सकती है, इस तरह से पेट में जीएस प्लेस दर्द होता है। वो डिसाइड किया जाता है किस कारण से दर्द होता है अब अगर हमें पता चल गया है कि किस कारण से दर्द हो रहा है और किस जगह पर दर्द हो रहा है? हमें दवा देने में आसानी से हो जाती है, सामान्य तौर पर जो दवा दी जाती है, डॉक्टर द्वारा उसके बारे में जान लेते हैं
जब पेट के ऊपरी हिस्से में बीचोबीच दर्द रहता है तो उस समय एंटासिड दवा दी जाती है मुख्य रूप से पेंटाप्राजोल ओमेप्राजोल रैबीप्राजोल इस प्रकार के कैप्सूल दिए जा सकते हैं जिन्हें हम लोगों का अनुमान कहते हैं और एंटासिड सिरप भी दी जा सकती है मुख्य एंटासिड सिरप डाइजिन सिरप दी जाती है जब पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है और जब दाहिनी ओर होता है तो आपको पेन रहेगा जो गॉलब्लैडर स्टोन का पेन है गॉलब्लेडर का दर्द तो उस समय तथा जो अपेंडिक्स का दर्द राइट साइड में नीचे की ओर रहता है इसमें किडनी स्टोन का भी दर्द हम समझ सकते हैं तो इसमें कुछ दर्दनिवारक दवाइयां दी जाती हैं वहां टैबलेट होती है डाइक्लोफेनाक, एसिक्लोफेनाक, निमसुलाइड,ट्रामाडोल या इसके साथ पेरासिटामोल संयोजन भी हो सकता है जो सामान्य पेनकिलर है यह इस समय दिया जाता है और किसी व्यक्ति को यदि बाईं ओर पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है जो कॉन्स्टिपेशन के कारण होता है तो इस कॉन्स्टिपेशन में लैग्जेटिव सिरप के साथ एंटीस्पास्मोडिक दवा दिया है
लैक्टुलोस लिक्विड दे सकते हैं, बिसाकोडील टैबलेट दे सकते हैं इसके अलावा डायसाइक्लोमिन टैबलेट ड्रोटावेरिन टैबलेट दे सकते हैं जिस से आप रुक जाएं
आपके पेट में दर्द हो सकता है और यह भी जान सकता है कि पेट में म्यूकोसा नामक म्यूकस की एक स्लिपरी परत है। यह अस्तर आपके पेट को भोजन को पचाने वाले मजबूत एसिड से एसिड से जमा करता है। जब कोई चीज इस एक्सचेंज लाइनिंग को नुकसान पहुंचाती है या कमजोर करती है, तो म्यूकोसा में सूजन हो जाती है, जिससे आपको चलने में भी दर्द महसूस होता है, वही को गैस्ट्रस कहते हैं, इसके ऊपर मैंने वीडियो बनाया है जिसका लिंक में रखा है I बटन या डिस्क्रिप्शन बॉक्स में जाकर वहां जाकर आप देख सकते हैं
अब बात करते हैं महिलाओं के पेट दर्द की
जब निचला पेन नाभि के नीचे के क्षेत्र में होता है तो यह यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो सकता है महिलाओं को पेल्विक सूजन की बीमारी हो सकती है क्योंकि उस समय दर्द को ठीक करने के लिए एंटीस्पास्मोडिक दवाई दी जाती है जिसे इसे नीचे दिया गया है
डाईसाइक्लोमिन या ड्रोटावेरिन इसके साथ पैरासिटामॉल मेनफैनिमिक एसिड, एसिक्लोफेनाक कॉम्बिनेशन भी हो सकता है और पुरुषों में अगर पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है तो यह आईबीएस इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण हो सकता है ब्लोटिंग मतलब गैस व अन्य कारण हो सकता है और जब येबीएस आई और ब्लास्टिंग के कारण उस समय एंटीस्पास्मोडिक दिया जाता है जो उसे पेट दर्द में दिया जाता है, जो दवाएं दी जाती हैं, उसके साथ पीया जाता है जिसे हमें पेंटाप्रोजोल, ओमेप्राजोल, रैबीप्राजोल दिया जाता है जिससे उसका दर्द ठीक हो सकता है तो यहां सामान्य रूप से आमतौर पर जो मुख्य रूप है जीस कारण से पेट दर्द होता है, जीस जगह पे पेट दर्द होता है और उस जगह के कारण से जो दिशा दी जाती है.....
किसी भी बीमारी को समझने के लिए या किसी भी दवा को यूज करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह आवश्यक ले अगर ऐसा नहीं करती हैं तो इसके जिम्मेदार खुद आप हैं
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