Tuesday, July 30

Anorexia भूख की कमी

    Anorexia भूख की कमी दोस्तों आज हम आपको खाना ना खाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसको अंग्रेजी में एनोरेक्सिया (Anorexia)कहते हैं सामान्य बोलचाल में खाना ना खाना या रुचि ना होना इसी को एनोरेक्सिया कहते है 
Anorexia भूख की कमी
Anorexia भूख की कमी 


भूख लगी हो और भोजन भी स्वादिष्ट हो फिर भी भोजन खाने की इच्छा ना हो और गले से नीचे ना उतरे तो इसे आरुचि (anorexia)की ही संज्ञा दी जाती है
ज्यादातर मरीजों में कब्ज की शिकायत होती है यह चिकनाई युक्त एव कम रेशेदार भोजन के खाने से होती है
खने के साथ-साथ​ कम मात्रा में पानी पीने से तथा शारीरिक कसरत (व्यायाम) के आभाव में आंतों की कार्यशीलता धीमी हो जाती है


                  शारीरिक कारण


बुखार कब्ज निमोनिया चेचक खसरा मलेरिया आदि इनफेक्शन जैसे बुखार मैं होती है
TB जैसे लोगों में भी (आरुचि )भूख की कमी हो जाती है
कुछ मरीजों में लंबे समय तक बिस्तर पर रहना होता है जैसे हार्ट अटैक,कूल्हे की हड्डी का हट जाना आदि  इन समस्याओं में भी एनोरेक्सिया जैसी समस्या हो जाती है
हिस्टीरिया,अनिद्रा तथा अन्य मानसिक स्थितियो में भी भूख लगना बंद हो जाती है
अधिक चिंता एव तनाव से भी भूख लगना अक्सर कम हो जाती है 
लीवर का कमजोर होना या इन्फेक्शन होना व फैटी लीवर होना इन कारणों से भी एनोरेक्सिया जैसी समस्या हो जाती है
कब्जियत की समस्या होने के कारण भी आरूचि होती है
vitamins B complex की कमी से भी भूख ना लगने के कारण भी यह शिकायत मिलती है
अधिक पौष्टिक आहार लेने तथा सारे दिन काम ना करने से भी (आरूचि)भूख कम हो जाती है
       
                रोग की पहचान

खाना ना खाना खाने के प्रति इच्छा ना होना लीवर में कमी (मलवरोध)कब्जियत जैसी समस्या होना व बेचैनी  आदि लक्षणों से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है

           रोग के परिणाम
रोग के अधिक समय तक चलते रहने और उचित चिकित्सा ना करने से शरीर की रक्त रस मास आदि धातुएं सूखने लगती है और शरीर मैं  अधिक गिरावट​ आ जाता है 

              



   
                चिकित्सा विधि
रोगी के मूल कारणों को दूर करें
तत्पश्चात दीपन चापन औषधियों की व्यवस्था करें
भय,चिंता शोक आदि का निराकरण आवश्यक
मानसिक कारणों की उपस्थिति में पेशेंट को सेडक्टिव औषधि का प्रयोग

                     याद रखिए

एनोरेक्सिया में रोगी के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है ऐसे रोगी हो दीपन चापन औषधियों के साथ-साथ लिवर एक्सट्रैक्ट का प्रयोग आवश्यक करें
   * अगर मसूड़े या दांतो से रक्त आता है तो उसकी व्यवस्था करें
*हफ्ते में एक बार उपवास रखने से भी बहुत फायदा होता है और हमारी पेट की समस्या दूर होती है
खाने के लिए रोगी को मनपसंद चीज देनी चाहिए जैसे लोहा युक्त आहार ,चटनी ,रायता ,अचार गेहूं चावल मूंग की दाल पतली मूली बैंगन अकेला पपीता अंगूर ,आम ,घी, दही ,दूध, मटठा काला नमक आदि
कब्जियत की समस्या हो रही हो तो एक बार castor oi दूध में मिलाकर रात को सोते समय पिला दे इससे मल आसानी से निकल आएगा 

                  घरेलू नुक्सा

काला नमक, सांभर नमक 10-10 ग्राम भुनी हींग 3 ग्राम इनको मिलाकर बारीक पीस लें और 700 ml पानी में मिलाकर शीशी में भरकर रख ले सुबह शाम 2-3 चम्मच प्रयोग करें इससे एनोरेक्सिया (anorexia) की शिकायत दूर होगी और भूख लगने लगेगी ।

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