Saturday, November 22

Dyspepsia || अपच || indigestion || बदहजमी || Gastritis

 Dyspepsia अपच indigestion बदहजमी इन नाम से भी जाना जाता है

अपच और एसिडिटी काफी सामान्य पाचन Complications हैं जिनसे अधिकांश लोग पीड़ित हैं। पाचन disorders के सबसे आम लक्षणों में 

symptoms

  • सीने में जलन
  • पेट दर्द
  • मतली और उल्ट
  • bleeding
  • सूजन
  • कब्ज
  • दस्त
  • होने लगती  हैं। 

मनुष्यों में पाचन क्रिया मुखद्वार से आरंभ होती है जहां पर आहार को चबाया जाता है। मुख द्वार में एक्ज़ॉक्रिन लार ग्रंथियों की तीन जोड़ि‍यों (पैरॉटिड, सबमैंडिब्यूलर और अवजिह्वी) द्वारा बड़ी मात्रा में एक से लेकर डेड़ लीटर प्रति दिन लार स्रावित की जाती है और उसे जीभ की मदद से चबाए गए भोजन में मिलाया जाता है।

मानव पाचन तंत्र में सबसे बड़ा भाग हमारी

छोटी आंत पाचन तंत्र का सबसे लंबा हिस्सा है, जो stomach से बड़ी आंत तक फैला हुआ है

लेकिन इनके अलावा, ये अन्य पाचन रोग हैं जिनके बारे में आपको सचेत रहने की आवश्यकता है।  उनमें से कुछ यहां हैं


  • Acidity 
  • Appendicitis 
  • Dyspepsia 
  • Food poisoning 
  • Gastritis 
  • Gastroenteritis 
  • IBS 
  • Peptic ulcer 
  • Colitis
  • Food allergy


अब दोस्तों इन के बारे में थोड़ा और जानकारी तफसीर से ले लेते हैं 


Acidity

यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है। अम्लता पेट में अल्सर, गैस्ट्रिक सूजन, और अपच जैसे लक्षण पैदा करती है। पर आखिर एसिडिटी होती क्यों है? डॉक्टर कहते हैं, आमतौर पर अनियमित खाने के पदार्थ, शारीरिक गतिविधियों की कमी, शराब का सेवन-धूम्रपान, तनाव और खाने की खराब आदतों के कारण एसिडिटी होने का खतरा अधिक होता है

इस बीमारी में जो डॉक्टर द्वारा दवा दी जाती है

Antacid Medicine दी जाती है

  • Omeprazole
  • Pantoprazole
  • Rabeprazole


नेक्स्ट है

Appendicitis

अपेंडिक्स एक छोटी थैली होती है जो बड़ी आंत के खुले वाले भाग से जुड़ी होती है। एपेंडिसाइटिस को एपेंडिक्स की सूजन कहते है। यह आपातकालीन पेट की शल्यचिकित्सा के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। एपेंडिसाइटिस का कारण – यह आमतौर पर तब होता है जब अपेंडिक्स मल, बाहरी वस्तु या शायद ही कभी, एक ट्यूमर द्वारा अवरुद्ध हो जाता है।

अपेंडिक्स का दर्द नाभि से आगे, नीचे और दाहिने तरफ होता है। हालांकि, यह समस्या तब गंभीर हो जाती है, जब थोड़ा उछलने के कारण या फिर तेज खांसने के कारण भी दर्द होने लगे। अपेंडिक्स पर सूजन आने के कारण यह पेट में ही फट भी सकता है। इसके अलावा तेज 

  • बुखार
  • उल्टी
  • भूख ना लगना और 
  • ठंड लगना भी इस बीमारी के लक्षणे हैं।

अपेंडिक्स की बीमारी क्यों होती है?

अपेंडिसाइटिस की बीमारी आंतों में इन्फेक्शन, कब्ज, पेट में पलने वाले खराब बैक्टीरिया के बढ़ने के कारण अपेंडिक्स में सूजन या इसकी नली में रुकावट आ जाती है। इसे अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। अगर लंबे समय तक अपेंडिक्स की प्रॉब्लम पर ध्यान न दिया जाए तो यह फट भी सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है।


इस बीमारी में जो डॉक्टर द्वारा दवा दी जाती है

penicillins and beta-lactamase inhibitors. Group 

piperacillin / tazobactam


Dyspepsia 

  • पेट के ऊपरी भाग में परेशानी
  • जिसमें जलन
  • सूजन या गैस
  • उल्टी करना
  • डकार आना
  • पेट में चुभन या 
  • जलन जैसा दर्द

 मतली या खाना शुरू करने के बाद जल्दी पेट भर जाने जैसा महसूस करने जैसे लक्षण होते हैं.

निश्चित समय की तुलना में पेट अधिक समय तक भरा रहना। अपच होने पर भूख नहीं लगना। कभी-कभी रोगी को घबराहट महसूस होना। छाती में जलन की अनुभूति होना लेकिन बदहज़्मी किसी बीमारी के अलावा और भी वजहों से हो सकती है, जैसे ज़्यादा खाना, ज़्यादा पीना, हर तरह का खाना न खा पाना या खाली पेट गोलियां लेना.


उदाहरणों में 

अलका-सेल्टज़र, 

मालॉक्स, 

रोलायड्स, 

और मायलांटा 

शामिल हैं। ये ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाएं हैं जिनके लिए डॉक्टर के नुस्खे की आवश्यकता नहीं होती है। एक डॉक्टर आमतौर पर अपच के पहले उपचारों में से एक के रूप में एंटासिड दवा को प्रिसक्राइब करेंगे।

Food poisoning के लक्षणों में ऐंठन, मतली, उल्टी या दस्त शामिल हो सकते हैं।

  • पूरे शरीर में दर्द 
  • पेट में दर्द
  • ठंड लगना
  • dehydration
  • चक्कर आना
  • थकान
  • बुखार
  • भूख न लगना
  • घबराहट होना 
  • या पसीना आना

 

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है dehydration वाली दवाइयां इस तरीके से पेशेंट की कंडीशन के हिसाब से दवाइयां दी जाती है या हो सकता है ड्रिप के माध्यम से ट्रीटमेंट किया जाए


Gastritis उन स्थितियों के समूह के लिए एक सामान्य शब्द है जिनमें एक चीज समान है: पेट की परत की सूजन। गैस्ट्र्रिटिस की सूजन अक्सर उसी bacteria के Infection का परिणाम होती है जो अधिकांश पेट के अल्सर का कारण बनती है या कुछ दर्द निवारक दवाओं के नियमित उपयोग का परिणाम होती है। बहुत अधिक शराब पीने से भी गैस्ट्राइटिस हो सकता है।

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है

  • esomeprazole 
  • omeprazole 
  • lansoprazole 
  • pantoprazole


Gastroenteritis, जिसे गैस्ट्रो या contagious डायरिया भी कहा जाता है, gastrointestinal tract की सूजन या Infection के कारण होता है, जिसमें में आंतों में जलन और सूजन की समस्या होती है। पाचनतंत्र पर बैक्टीरिया का प्रभाव होने पर यह बीमारी हो जाती है। गैस्ट्रोएन्टराइटिस की बीमारी में दस्त और उल्टी का होना सामान्य होता है।पेट और आंत में Infection होता हैं। बहुत से लोग इसे "पेट की बग", "पेट वायरस" या "पेट फ्लू" के रूप में भी जानते हैं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सूजन,पेट फूलना, या पेट में ऐंठन,सिरदर्द या कमजोरी

 यह सभी आम सिम्टम्स हैं लेकिन यह इन्फ्लूएंजा नहीं है।

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है

chlordiazepoxide and clidinium bromide)Antacids tablet या syrup

कुछ एंटीबायोटिक भी देते हैं और 

Antacids tablet या syrup और यह डॉक्टर अपनी एक्सपीरियंस के आधार पर और पेशेंट की नीड के अकॉर्डिंग दी जाती है


IBS यानी की इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक आम बीमारी है और यह बड़ी आंत यानी की large intestine को प्रभावित करती है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को 

  • पेट में दर्द एवं 
  • मरोड़ होना
  • सूजन
  • गैस
  • कब्ज और 
  • डायरिया 

होना सोने की शिकायत मिलती है इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम यानी की IBS के मुख्य लक्षण है। यदि लम्बे समय तक इस समस्या को अनदेखा किया गया तो यह अधिक गम्भीर हो सकती है।

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है

Rifaximin (Xifaxan)

Linaclotide

Stop-IBS Tablet (charak Pharma)


 Peptic ulcer

पेप्टिक अल्सर आपके पेट के अस्तर या आपकी छोटी इंटेस्टाइन के पहले भाग (ड्यूडेनम नाम की जगह) में एक घाव होता है। आपके पेट में पेप्टिक अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर कहा जाता है। छोटी इंटेस्टाइन के पहले भाग में होने वाले अल्सर को ड्यूडेनल अल्सर कहा जाता है।

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है

Antacid Medicine दी जाती है

  • Pantoprazole
  • lansoprazole 
  • Esomaprazole

 

Colitis

आजकल कोलाइटिस की समस्या बहुत अधिक देखने-सुनने को मिल रही है. ज्यादातर लोग इस बीमारी को इसके नाम से ना जानकर इसे 

  • पेट की सूजन, 
  • आंतों में सूजन 

के नाम से जानते हैं और बोल-चाल में इसी भाषा का उपयोग किया जाता है. पेट में यह सूजन आमतौर पर बड़ी आंत के निचले हिस्से में, मलाशय (रेक्टम) के पास होती है और इसके लक्षण

  • खून वाले दस्त
  • पेट में ऐंठन और 
  • पेट में हर समय दर्द 

होता रहता है और बुखार हो जाता है।

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है

Antacid दावा भी दी जाती है और एंटीबायोटिक दवा भी दी जाती है लेकिन पेशेंट की कंडीशन के हिसाब से डॉक्टर द्वारा ट्रीटमेंट किया जाता है

 

Food allergy

किसी खास खाने से होने वाले एलर्जी वाली प्रतिक्रिया को फ़ूड एलर्जी कहते हैं। फ़ूड एलर्जी आमतौर पर कुछ मेवे, मूंगफली, शेलफिश, मछली, दूध, अंडे, गेहूं और सोयाबीन से शुरू होती है। उम्र के अनुसार लक्षण अलग-अलग होते हैं और इसमें रैश, घरघराहट, नाक बहना और कभी-कभी वयस्कों में अधिक गंभीर लक्षण शामिल हो सकते हैं।

इसमें डॉक्टर द्वारा जो दवा दी जाती है वह है

Antihistamine

Monday, November 3

Liver detox drink | fatty liver

 लिवर डिटॉक्सिफाई करने का तरीका 

  • Liver detox drink
  • How to detox your liver in 3 days
  • Signs of liver detox working
  • How to detox liver naturally at home
  • Liver detox exercise
  • 7-day liver cleanse diet
  • Liver detox water

 तीन ऐसी जबरदस्त चीज़ों के बारे में इस आर्टिकल में जानकारी दी गई है जिससे आप अपने लवर को डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं

Liver detox drink | fatty liver
Liver detox drink | fatty liver


अगर आपको इस तरीके की समस्याएं देखने को मिलती हैं जैसे:-

त्वचा और आँखों में पीलापन (पीलिया), पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द और सूजन, मतली, उल्टी, खाना न पचना, भूख कम लगना, पेट भारी-भारी रहना, थकान और गहरे रंग का पेशाब तो समझ लो आप के लिवर में इंफेक्शन है जो चीज मैं आज बताने वाला हूं वह आपके लीवर की सारी प्रॉब्लम दूर करेगा यानी की **लीवर की सारी गंदगी साफ करके उसे बिलकुल फिट और हेल्दी बना देंगी।**

---

[लीवर क्यों ज़रूरी है ]

लीवर हमारी बॉडी का एक बहुत ही ज़रूरी ऑर्गन है।

जो भी चीज़ हम खाते हैं — चाहे खाना हो, पानी हो या दवा — सबका असर सबसे पहले **लीवर पर** पड़ता है।

लीवर का काम होता है हमारे खाने से **ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स को लेना** और **गंदी चीज़ों को शरीर से बाहर निकालना**।

लेकिन अगर हम बार-बार **जंक फूड, प्रोसेस्ड चीज़ें** या **गंदा पानी** लेते हैं, तो लीवर पर बोझ बढ़ जाता है।

धीरे-धीरे **टॉक्सिन्स (गंदगी)** लीवर में जमा होने लगते हैं। इससे लीवर कमजोर होने लगता है और **फैटी लिवर**, **पाचन की दिक्कतें**, और **थकान** जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

इसलिए ज़रूरी है कि हमें अपने लीवर को समय-समय पर **डिटॉक्सिफाई (साफ)** करते रहें।

और आज मैं आपको तीन आसान और घरेलू तरीके बताने वाला हूं जिससे आपका लीवर फिर से हेल्दी हो जाएगा।

🌿 **[पहली चीज़ – हल्दी]**

सबसे पहले बात करते हैं **हल्दी** की।

हल्दी हमारे किचन में हमेशा मौजूद रहती है और इसके अंदर होता है **कर्क्यूमिन**, जो एक **तगड़ा एंटीऑक्सीडेंट** है।

यह लीवर के अंदर जमा गंदगी को साफ करता है, शराब या जंक फूड से हुई टॉक्सिसिटी को कम करता है, और लीवर के चारों तरफ जमा **फैट (फैटी लिवर)** को भी घटाता है।


👉 **कैसे लें:**

एक गिलास **गुनगुना पानी** लें, उसमें **आधा चम्मच हल्दी** और **एक चुटकी काली मिर्च** डालें।

काली मिर्च इसलिए डालते हैं ताकि हल्दी का असर शरीर में जल्दी और अच्छे से हो।

इस ड्रिंक को **सुबह खाली पेट** रोज़ 14 दिन तक पीएं — फर्क खुद महसूस होगा।


🍋 **[दूसरी चीज़ – आंवला और करेला]**

अब बात करते हैं दूसरी रेमेडी की — **आंवला और करेला**।

आंवला विटामिन-C से भरपूर होता है, जो लीवर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और पाचन को भी सुधारता है।

करेला लीवर की सूजन घटाता है, ब्लड को साफ करता है और फैटी लिवर को कंट्रोल करता है।


👉 **कैसे लें:**

एक गिलास गुनगुने पानी में **2 टेबल स्पून आंवले का रस** और **2 टेबल स्पून करेला रस** मिलाएं।

इसे **दोपहर के खाने से 1 घंटा पहले** पीएं।

इससे डिटॉक्स प्रोसेस बहुत तेज़ी से काम करेगा।


---


🧄 **[तीसरी चीज़ – लहसुन]**

तीसरी सबसे असरदार चीज़ है **लहसुन**।

इसमें **सेलेनियम** और **एलिसिन** नाम के तत्व होते हैं जो लीवर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और फैट कम करते हैं।


👉 **कैसे लें:**

रात को सोने से पहले **2 कच्ची लहसुन की कलियां** चबा लें।

अगर स्वाद पसंद नहीं है तो इन्हें **कुचलकर पानी के साथ** भी ले सकते हैं।

बाज़ार में इसका **पाउडर या सप्लीमेंट फॉर्म** भी मिलता है — वो भी ले सकते हैं।


अगर आप और बेहतर रिज़ल्ट चाहते हैं, तो साथ में रोज़ाना


* 1–2 कप **ग्रीन टी**,

* भरपूर **नींद**,

* और **हरी सब्जियां** ज़रूर शामिल करें।


अगर चाहें तो एक **आयुर्वेदिक मेडिसिन “क्वालिटीज़ लिवर सिरप”** भी ले सकते हैं —

जो पूरी तरह हर्बल हो और यह लीवर को मजबूत बनाने में मदद करता है।


---

अगर आप इन तीनों चीज़ों को सिर्फ **14 दिन तक नियमित रूप से** अपनाते हैं,

तो आपका लीवर खुद हेल्दी और फिट हो जाएगा


यह एक सामान्य जानकारी दी गई है अगर आपके लीवर में कोई इंफेक्शन है या कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है

Thursday, October 2

Muvera Tablet: उपयोग, फायदे, खुराक, साइड इफेक्ट्स हिंदी में

Muvera Tablet: उपयोग, फायदे, खुराक, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां


Muvera Tablet  एक लोकप्रिय दवा है जो दर्द और सूजन (Pain & Inflammation) के इलाज में दी जाती है। यह दवा NSAID (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drug) क्लास की है और इसमें सक्रिय तत्व Meloxicam मौजूद होता है। इसका इस्तेमाल गठिया, जोड़ों का दर्द, बुखार, मासिक धर्म का दर्द और मांसपेशियों की सूजन** में किया जाता है।


 Muvera Tablet क्या है?


Muvera Tablet एक **दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली दवा** है। यह शरीर में **Prostaglandins** नामक रसायन को कम करके काम करती है, जो दर्द, सूजन और बुखार का कारण बनते हैं।

Amoxicillin kya hai? | Uses, Side Effects & Doses in Hindi

Amoxicillin kya hai अमोक्सिसिलिन क्या है?

Amoxicillin एक एंटीबायोटिक दवा है, जो पेनिसिलिन ग्रुप से संबंधित है। यह दवा शरीर में बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकती है और इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करती है। इसे आमतौर पर डॉक्टर द्वारा बैक्टीरियल इंफेक्शन में दिया जाता है, न कि वायरल बीमारियों (जैसे सर्दी-जुकाम या फ्लू) के लिए। bacterial infection से लेकर  allergic reactions के इलाज तक  यदि आप Amoxicillin की सुरक्षा और Effectiveness के बारे में पता लगाते हैं कि Amoxicillin क्या है और यह आपके स्वास्थ्य के लिए कितना सुरक्षित है।

Amoxicillin tablet

Strength:- 250 & 500mg


Amoxicillin uses अमोक्सिसिलिन  के उपयोग

Amoxicillin का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन में किया जाता है, जैसे:

  • गले का इंफेक्शन (Tonsillitis, Strep throat)
  • कान का इंफेक्शन (Ear infection - Otitis media)
  • फेफड़ों का इंफेक्शन (Pneumonia, Bronchitis)
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
  • त्वचा और सॉफ्ट टिश्यू इंफेक्शन
  • डेंटल इंफेक्शन (दांत का दर्द, मवाद, सूजन)
  • H. pylori infection (पेट में अल्सर)
Amoxicillin Popular name
  • Novamox-250
  • Mox
  • Ronemox
  • Wymox


Amoxicillin doses अमोक्सिसिलिन की डोज़ 

Amoxicillin की डोज़ हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेनी चाहिए, क्योंकि यह उम्र, वजन और इंफेक्शन के प्रकार पर निर्भर करती है।

बड़ों के लिए (Adults): आमतौर पर 250 mg से 500 mg, दिन में 2 से 3 बार।

बच्चों के लिए (Children): डोज़ वजन के अनुसार तय की जाती है (20–40 mg/kg/day)।

H. pylori Infection: 1 ग्राम दिन में दो बार, कुछ अन्य दवाओं के साथ।

 ध्यान रखें: दवा को हमेशा पूरा कोर्स करें। बीच में बंद करने पर इंफेक्शन दोबारा हो सकता है और दवा असर करना बंद कर सकती है।


Amoxicillin side effects अमोक्सिसिलिन  के साइड इफेक्ट्स

ज्यादातर लोगों को इससे कोई गंभीर समस्या नहीं होती, लेकिन कुछ लोगों को साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे:

  • मतली या उल्टी
  • दस्त (Diarrhea)
  • पेट दर्द
  • सिरदर्द
  • एलर्जी (खुजली, लाल चकत्ते, सांस लेने में तकलीफ – गंभीर मामलों में)

अगर आपको एलर्जी के लक्षण दिखें तो तुरंत दवा लेना बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।


अमोक्सिसिलिन (Amoxicillin) लेने से पहले सावधानियां

अगर आपको पेनिसिलिन या अन्य एंटीबायोटिक से एलर्जी है तो यह दवा न लें।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

दवा लेते समय शराब (alcohol) से बचें।

दवा को डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से शुरू या बंद न करें।


निष्कर्ष (Conclusion)

 Amoxicillin in Hindi एक असरदार एंटीबायोटिक है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन में दिया जाता है। इसे सही डोज़ और डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेने पर यह सुरक्षित और प्रभावी है। लेकिन किसी भी एंटीबायोटिक को बिना डॉक्टर की सलाह के लेना खतरनाक हो सकता है।

Thursday, September 18

Semaglutide injection-wegovy-Ozempic

Semaglutide injection-wegovy-Ozempic


आपने इंटरनेट पर देखा होगा सेलिब्रिटीज को आसानी से वजन कम करते हुए दवाइयों और इंजेक्शन की मदद से। लेकिन अब यही दवाइयां आम लोगों के लिए भी अवेलेबल हो गई है इंडिया में। आज  मैं ऐसी दो दवाइयों के बारे में आपको पूरी जानकारी दूंगा जिससे कि आपको वजन कम करने में आसानी होगी  आपने Ozempic नाम की दवा जरूर सुनी होगी। यह US में launch हुई थी लगभग दो-ती साल पहले और सोशल मीडिया की मदद से ये एकदम वायरल हो गई। लोगों को लगने लगा कि ऐसी कोई दवा आ गई है जिसको खाते ही अपने आप वजन कम हो जाता है। यही सेम दवा इंडिया में wegovy नाम से अवेलेबल है। Ozempic और wegovy दोनों ही इंजेक्शंस है। बट इसी दवा का एक टैबलेट फॉर्म भी आता है जिसका नाम है राइबलस। यह बहुत ही कठिन नाम है बट अनफॉर्चूनेटली यही उसका एक्चुअल नाम है। तो Ozempic

 wegovy एंड राइबेल्सिस तीनों सेम ही दवाइयां हैं एंड तीनों ही वजन कम करने में मदद करती हैं। अब ये वजन कैसे कम कर पाती हैं? बिकॉज़ इसके अंदर जो मॉलिक्यूल है उसका नाम है Semaglutide injection हमारे बॉडी में एक हार्मोन होता है जिसका नाम है GLP 1। 

GLP का फुल फॉर्म है ग्लूकागॉन लाइक पॉलिपेप्टाइड। यह हॉर्मोन का मेन फंक्शन होता है बॉडी में इंसुलिन सीक्रेट करवाना, डाइजेशन को स्लो डाउन करना एंड ब्रेन में सिग्नल पहुंचाना कि अब आपका पेट भर गया है। यानी कि साइटटी सिग्नल। नेचुरली यह हॉर्मोन तभी सीक्रेट होता है जब आप खाना खाते हैं। जब पेट में खाना भरता है। बट यह जो दवाई के अंदर मॉलिक्यूल है, इसका स्ट्रक्चर सेम वही हॉर्मोन जैसा है। एंड ये जाके सेम रिसेप्टर्स पे काम करता है। तो आपके बॉडी को लगता है कि आपने ऑलरेडी खाना खा लिया है। उससे बिना खाना खाए आपको पेट भरे हुए रहने वाली फीलिंग आने लगती है। एंड इंसुलिन भी सीक्रेट होने लगता है। एंड इस तरीके से आपकी अननेसेसरी भूख एंड क्रेविंग्स कम हो जाती है। जैसे ही आपकी  इच्छा  कंट्रोल में आती है, आप जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, चाट चटौनी कम खाने लगते हो, एंड आपका वजन अपने आप कंट्रोल में आने लगता है। अब यह दवाई आपको कितनी

 फ्रीक्वेंटली लेनी पड़ती है। अगर आप इसको इंजेक्शन के फॉर्म में ले रहे हैं, तो आपको हफ्ते में एक बार लगाना होगा इंजेक्शन। यानी कि महीने में चार बार। एंड अगर आप गोली खा रहे हैं तो रोज आपको एक गोली खानी होगी। राइबेल्स अगर आप Google करें या दुकान में खरीदने जाए तो देख के कंफ्यूज मत होइएगा क्योंकि उस पर भी लिखा रहता है कि वह डायबिटीज की दवा है। बट एक्चुअल में वो वजन कम करने के लिए भी यूज करी जाती है। बिकॉज़ Ozempic, wegovy एंड राइबेल्सिस के अंदर का केमिकल कंपाउंड सेम है। बस वो अलग-अलग बीमारियों के लिए यूज़ होते हैं। इसलिए उनके अलग-अलग नाम है। प्रैक्टिकली देखा जाए तो डायबिटीज या टाइप टू डायबिटीज एंड ओबेसिटी ये दोनों साथ ही में पाई जाती है किसी भी व्यक्ति में। इसीलिए कभी-कभी इन दोनों को मिला के डॉक्टर्स डायबेसिटी भी कहते हैं। डायबिटीज एंड ओबेसिटी डायबेसिटी। 


अगर हम कॉस्ट की बात करें तो आपको इंजेक्शन जो है रफली ₹14,000 के आसपास का पड़ेगा पर month। एंड गोली आपको पड़ेगी लगभग ₹9,000 के आसपास पर month। 


अगर आप यह दवा नहीं लेना चाहते हैं किसी कारणवश तो और क्या-क्या ऑप्शंस हैं आपके पास वजन कम करने के तो सबसे बेसिक ऑप्शन तो है ही व्हिच इज डाइट एंड लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन उसके बाद गैस्ट्रिक बलून एक ऑप्शन होता है एंड उसके आगे बेरियट्रिक सर्जरी का भी ऑप्शन होता है। 


👉इन सारी चीजों के बारे में मैं अपने फ्री ओबेसिटी सर्वाइवल गाइड में बताता हूं। ये एक ई-बुक है जो कि आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गई लिंक द्वारा मिल जाएगी। आप उसे फ्री में डाउनलोड करके फुर्सत में पढ़ सकते हैं। एंड अगर कोई सवाल हो तो आप मुझे कांटेक्ट भी कर सकते हैं। मेरी सारी कांटेक्ट डिटेल्स आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगी। 


*दूसरी जो दवाई है उसका नाम है मोंजारो या जेप बाउंड। मुझे कोई आईडिया नहीं कि ये दवाइयों के नाम इतने भलते क्यों हैं। मोंजारो जो दवा है वो एक्चुअली  डायबिटीज के लिए बनाई गई थी। एंड जेप बाउंड जो दवा है वो एक्चुअली ओबेसिटी के लिए बनाई गई है। उसके अंदर केमिकल कंपाउंड सेम है। बस दो अलग-अलग बीमारियों के लिए दवा है इसलिए उनके नाम अलग-अलग। अब यह मोनोंजारो और जेप बाउंड दोनों ही इंजेक्टेबल फॉर्म में आते हैं। इनके अंदर जो केमिकल कंपाउंड है उसका कोई गोली वाला फॉर्म नहीं आता है। जहां ओजेंपिक या wegovy एक ही टाइप के हॉर्मोन पे इफेक्ट करता है। ये दो अलग-अलग हॉर्मोनस पे इफेक्ट करता है। इसके अंदर के केमिकल कंपाउंड का नाम है Tirzapatide। एंड कुछ स्टडीज का ऐसा कहना है कि टिलपेटाइट से सेमाग्लटाइट के कंपैरिजन में ज्यादा वेट लॉस होता है। तो अब सवाल ये उठता है कि आपको कौन सी दवा लेनी चाहिए? द आंसर इज़ कि आपको जाके किसी ओबेसिटी एक्सपर्ट डॉक्टर से बात करनी चाहिए। 


जैसे  बेरियाट्रिक सर्जन है वैसे ही वेट लॉस के अलग-अलग फिजिशियंस भी होते हैं। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट यानी कि जो हॉर्मोंस के डॉक्टर होते हैं वो भी ये दवाइयों के बारे में समझते हैं। तो एक बार आप उनसे बात करेंगे तो वो आपके अलग-अलग ब्लड टेस्ट करके आपको इवैलुएट करके बताएंगे कि आपके लिए कौन सी दवा सही रहेगी। इनमें से कोई भी दवा बिना प्रिस्क्रिप्शन के अवेलेबल नहीं है। एंड

आप बिना डॉक्टर के सुपरविजन के या एडवाइस के उनको खाने की कोशिश भी मत करिएगा। क्या यह दवाई के कोई मेजर साइड इफेक्ट्स हैं? स्पेशली गोली खाने के थोड़े बहुत साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। जैसे उल्टी जैसा लगना जिसको कहते हैं नशिया या कभी-कभी पेट फूला-फूला लगना व्हिच इज ब्लोटिंग। बट ये सारे साइड इफेक्ट्स मेजॉरिटी केसेस में विद इन वन वीक अपने आप सॉल्व हो जाते हैं। कुछ पेशेंट्स को कभी-कभी हेडेक जैसा या चक्कर जैसा भी लग सकता है। उसका कारण होता है सडनली ब्लड ग्लूकोस लेवल कम हो जाना। इसीलिए हम हमेशा कहते हैं कि आप पहले डॉक्टर से पूरा इवैल्यूएशन कराइए। आपके ब्लड शुगर कैसे रहते हैं? कितना फ्लक्चुएट करते हैं? यह सब जानना जरूरी है आपको दवा देने के पहले। जहां तक खर्चे की बात आती है, बोंजारो भी आपको लगभग पर मंथ ₹14,000 का पड़ेगा। अब ये दवाइयां किन के लिए सूटेबल है? 


ये दवाइयां ऐसे पेशेंट्स के लिए सूटेबल है जिनका वजन नॉर्मल से 10 टू 15 kg ज्यादा है। या टेक्निकली अगर मैं कहूं तो बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई 30 एंड अबव। अगर आपको नहीं पता बीएमआई क्या होता है तो बीएमआई आपके हाइट के हिसाब से आपके वेट का एक रेश्यो है। तो बीएएमआई 30 एंड अबव अगर आपको कोई बीमारी नहीं है एंड बीएमआई 27 एंड अबव अगर आपको मोटापे के साथ

और भी एसोसिएटेड बीमारियां हैं जैसे डायबिटीज, ब्रेथलेसनेस आपको सोने के टाइम गुर्राटे आते हैं जिसको स्लीप एपनिया कहते हैं वगैरह-वगैरह। तो क्या हर व्यक्ति जिसका वजन ज्यादा है वो ये दवा खा सकता है? उसका वजन कम हो जाएगा? द आंसर इज नो। कुछ स्पेसिफिक मेडिकल कंडीशंस है जो कि पहले चेक करनी पड़ती है जिसके बाद ही ये दवा दी जा सकती है। फॉर एग्जांपल अगर कोई पनक्रिएटाइटिस का मरीज है तो हम उसे सेमाग्लूटाइट देना अवॉइड करेंगे। बिकॉज़ बहुत रेयर केसेस में ऐसा देखा गया है कि सेमाग्लूटाइड यानी कि ओज़ेमपिक वीगोवी राइबल्स वगैरह उनसे कुछ लोगों को

पैंकटाइटिस हुई है। वहीं हम बोंजारो या जेमबाउंड की बात करें तो अगर थायरॉइड के कैंसर की कभी भी किसी को हिस्ट्री रही है फैमिली में या मरीज को खुद रहा है तो हम ये दवाई देना अवॉयड करेंगे। 


इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं कि YouTube वीडियो देख के दवा मत खरीदो। डॉक्टर की बात सुनके दवा खरीदो। YouTube वीडियो से सिर्फ जानकारी अपने मन में रखो। अब इससे कितना वेट लॉस एक्सपेक्टेड है? तो मेडिकल रिसर्च के हिसाब से अगर 5% से ज्यादा कोई भी दवा वजन कम करवा दे तो हम उसे सक्सेसफुल वेट लॉस ड्रग कहते हैं। 5% का फिगर इसलिए यूज किया जाता है बिकॉज़ अगर किसी व्यक्ति का वजन कम से कम 5% या आइडियली 10% भी कम हो जाए तो उसको बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट्स मिलने लगते हैं। आप ध्यान दीजिएगा कि हम दवाई खा के किसी को सिक्स पैक एब्स दिलाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ ये चाहते हैं कि 5 % से 10% वजन कम हो जाए जिससे कि जो मेडिकल रिलेटेड बीमारियां उसके शरीर में है ओबेसिटी की वजह से वो चली जाए। तो दवाई खा के हम रफ्ली 5 टू 10% या अगर बहुत ही ज्यादा हुआ तो 15% तक का वेट लॉस एक्सपेक्ट कर सकते हैं। कितने दिन तक आपको दवाई खानी पड़ेगी? तो स्टडीज बताती है कि कम से कम 3 महीने या रफ्ली सिक्स टू 12 मंथ्स भी लग सकते हैं किसी मरीज को अपना वजन कम करने में। तो अगर आप यह दवाई खाना शुरू करना चाहते हैं तो उस किस्म से अपना बजट बनाइएगा कि आपके पास कम से कम 3 मंथ्स या सिक्स मंथ्स अप टू वन ईयर तक की कैपेसिटी होनी चाहिए दवाई को कंटिन्यू करने की। अगर हमने दवा बंद कर दी तो क्या वजन वापस आ जाएगा? द आंसर इज यस। बिकॉज़ यह दवाई बनाई गई है आपके डाइट एंड लाइफस्टाइल के साथ आपको वजन कम करने में हेल्प करने के लिए। अगर आप अपनी डाइट एंड लाइफस्टाइल को नहीं सुधारेंगे। बस दवा की मदद से अपनी भूख को दबा के रखेंगे तो जैसे ही ये दवा का असर जाएगा आपकी भूख वापस बढ़ जाएगी एंड आप फिर से वही अपने पुराने हैबिट्स पे आ जाओगे जिससे वजन बढ़ जाएगा। इस दवाई के बेस्ट रिजल्ट्स पाने के लिए जितनी देर आप इस दवाई के ड्यूरेशन में हो उतना समय आपको यूज़ करना चाहिए अपनी डेली एक्टिविटीज बढ़ाने के लिए एंड जिम जाके मसल्स को बिल्ड करके स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के लिए। उसी के साथ आपको अच्छे क्वालिटी का खाना खाने की आदत डालनी चाहिए। वरना आप जो भी दवा पर खर्चा कर रहे हो ये सब रिवर्स हो जाएगा अगर अपन ने अपनी बेसिक डाइट एंड लाइफस्टाइल को कंट्रोल में नहीं लाया क्या हर ऐज के लोग इसको ले सकते हैं जनरली ये दवाइयां बनाई जाती है 18 इयर्स एंड अबव एज ग्रुप के लिए अगर बच्चों में इसको देना है तो आपको किसी पीडिएट्रिशियन से या किसी ओबेसिटी एक्सपर्ट से पहले बात करना पड़ेगा उसी के बाद आप उसको दे सकते हैं। अगर आप वेट लॉस मेडिसिन के आगे के स्टेप यानी कि गैस्ट्रिक बलून के बारे में जानना चाहते हैं तो मेरा पेज जरुर पढ़िएगा

Google Translate के माध्यम से किसी भी भाषा में पढ़ सकते हैं ऊपर कोने पर Google Translate का ऑप्शन है

Wednesday, September 17

जब बजती हो कानों में सीटी

 क्या आपके कान में हमेशा सिटी की आवज सुनाई देती है या फिर ऐसा महसूस होता है कि आप किसी शोरगुल वाली जगह पर बैठे हैं यह सेहत से जोड़ी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है

जब बजती हो कानों में सीटी
जब बजती हो कानों में सीटी


कानों में अक्सर सीटी, घंटी, गूंज या भिनभिनाहट जैसी आवाजें सुनाई देती हैं, जबकि आस-पास कोई आवाज नहीं होती? अगर हां, तो यह टिनिटस

नामक समस्या का संकेत हो सकता है। यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह शरीर के किसी स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा कर सकती है। टिनिटस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को कानों में बिना किसी बाहरी स्रोत के बार-बार आवाजें सुनाई देती हैं। ये आवाजें सीटी, घंटी, धड़कन जैसी हो सकती हैं या कई बार शोरगुल या गूंज की तरह लगती हैं। यह आवाज एक या दोनों कानों में सुनाई दे सकती है और इसकी तीव्रता हल्की से गंभीर तक हो सकती है।


किन्हें है अधिक खतरा : टिनिटस की समस्या करीब 15-20 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है। उम्र बढ़ने के साथ (विशेष रूप से 60 वर्ष से ऊपर) लोगों को यह समस्या हो सकती है। तेज शोर वाले वातावरण जैसे- ट्रैफिक, मशीनरी या तेज संगीत सुनने से भी यह समस्या हो सकती है। हाल के वर्षों में तेज आवाज में म्यूजिक सुनने की आदत के कारण ऐसी समस्या युवाओं में भी बढ़ी है। अगर आप लंबे समय तक हेडफोन का उपयोग करते हैं, तो आप भी इस समस्या का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा तनाव, नींद की कमी, डिप्रेशन, साइनोसाइटिस, हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड या डायबिटीज भी इसके कारण बनते हैं।

कारण की पहचान : टिनिटस होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- कानों में वैक्स जमना, कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, बहुत तेज आवाजों के संपर्क में रहना, कान में संक्रमण या परदा फटना, कान की हड्डी की समस्या, दांतों की बीमारियां या जबड़े की समस्याएं, सिर में चोट लगना, ब्रेन ट्यूमर, हाई बीपी, हार्मोनल बदलाव विशेषकर महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से टिनिटस हो सकता है। इनके अलावा दिल और रक्तवाहिनियों से जुड़ी समस्याएं भी टिनिटस का कारण बन सकती हैं।


लक्षणों की अनदेखी : अगर आपको कई हफ्तों या महीनों से लगातार आवाजें सुनाई दे रही हैं और यह आपकी सुनने की क्षमता या नींद को प्रभावित कर रही हैं तो तुरंत जांच करवाने की जरूरत है। विशेष रूप से यदि आवाजों की तीव्रता बढ़ रही हो, सुनाई देना कम हो रहा हो, कान से पानी या पस आ रहा हो। इन स्थितियों में ईएनटी विशेषज्ञ से जांच करवाना आवश्यक है। जरूरत पड़ने पर चिकित्सक आपको सीटी स्कैन या एमआरआई कराने की सलाह भी दे सकते हैं।

बहरापन या मानसिक समस्या : टिनिटस की समस्या को लंबे समय तक नजरअंदाज करने से जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ सकता है। इससे चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, नींद न आना, मानसिक तनाव और अवसाद हो सकता है। इसके अलावा गंभीर मामलों में आत्मघाती विचार भी आ सकते हैं।

उपचार भी जान लें : टिनिटस का कोई स्थायी इलाज अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कई तरीकों से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है, जैसे-कान की सफाई और वैक्स हटाना, कुछ दवाओं का सेवन कर, हियरिंग एड या टिनिटस मास्किंग डिवाइस (जो बैकग्राउंड साउंड से अवांछित आवाजों को दबाते हैं), साउंड थेरेपी (धीमा संगीत या व्हाइट, नॉइज की मदद से राहत), बिहेवियरल और कॉग्निटिव थेरेपी, योग, ध्यान और स्ट्रेस मैनेजमेंट की मदद से इस परेशानी को कम किया जा सकता है।


बेहतर खान-पान पर ध्यान जरूरी

सही खान-पान से टिनिटस के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। मैग्नीशियम नसों की कार्यक्षमता को बेहत्तर बनता है। इसके लिए आप पालक, बादाम का सेवन कर सकते हैं। जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। इसके लिए आप

कद्दू के बीज, फलियों का सेवन कर सकते हैं। विटामिन बी-12

न्यूरल हेल्थ के लिए जरूरी होता है। इसके लिए आप अंडा, मछली और दूध का सेवन कर सकते हैं। विटामिन डी और ई ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाव करते हैं। इसकी आपूर्ति के लिए आप डेयरी उत्पाद और अखरोट का सेवन करें। साथ ही धूप में समय बिताने से भी विटामिन डी मिलता है। टिनिटस से बचाव के लिए तेज आवाज में संगीत न सुनें। शोर वाले वातावरण में ईयर प्लग का उपयोग करें। इसके अलावा पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें। नियमित व्यायामउ समय तक बना रहता है, तो ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

Google Translate के माध्यम से किसी भी भाषा में पढ़ सकते हैं ऊपर कोने पर Google Translate का ऑप्शन है

Thursday, September 11

Anorexia [ आरोचक ]



Anorexia
[ आरोचक ]आरोचक, अंग्रेजी में 'एनोरेक्सिया' तथा आम बोलचाल में खाना खाने की इच्छा न होना। खाना खाने की इच्छा न होने को "अरुचि" कहते हैं। इसको आरोचक भी कहा जाता है क्योंकि भोजन के लेने में ही रुचि न हो वह 'अरुचि है। इसे ऐसे भी कहा गया है कि "भूख होते हुए भी व्यक्ति भोजन को खाने में असमर्थ हो तो वह 'अरुचि कहलाती है या भूख लगी हो और भोजन भी स्वादिष्ट हो, फिर भी भोजन करने की इच्छा न हो तो इसे अरुचि' की ही केहते है
 
यह प्रॉब्लम ज्यादातर मरीजों में कब्ज,चिकनाईयुक्त या कम रेशेदार भोजन के खाने से होती है। खाने के साथ कम मात्रा में पानी पीने से तथा शारीरिक कसरत (Exercise) के कमी में आँतों की कार्यशीलता धीमी हो जाती है। अरुचि मुख्य लक्षण •रोगी को खाने में कोई दिलचस्पी नहीं रहती। यदि वह खाने बैठ भी जाए तो 2-4 कौर अथवा 1-2 रोटी खाकर उठ बैठता है और आगे खाने का मन भी नहीं करता है •मुँह का स्वाद बिगड़ा हुआ, छाती में जलन यानी कि हाइपर एसिडिटी । •थोड़ा खाने के बाद पेट भरा-सा होता है। •रोगी को खट्टी-खट्टी या सूखी डकारें आती हैं। •पेट भारी मालूम पड़ता है और मुँह में पानी-सा भर आता है। •रोगी को थोड़ा सा काम करते ही थकावट महसूस होती है। •किसी कार्य को करने की इच्छा नहीं होती। •चेहरा रुखा रुखा सा दिखाना। •मुख से ग्राम दुर्गंध आना •आहार गले से नीचे उतरने में असमर्थता । •दुबला पतला शरीर। •खून की कमी होने पर भी यह रोग होता है *इस तरीके की समस्या होने पर ये होने वाले रोगों का लक्षण भी हो सकता है •रोग के मुख्य कारण। १.शारीरिक कारण 
  1. fever                                                                   
  2. कब्ज
  3. निमोनिया 
  4. चेचक
  5. खसरा
  6. Typhoid
  7. मलेरिया
  8. आँत में इन्फेक्शन
  9. stomach cancer
  10. Chronic diseases
  11. T.B,
कुछ मरीजों में लम्बे समय तक बिस्तर पर रहना होता है, जैसे- हार्ट अटैक, हिप डिस्लोकेशन कूल्हे की हड्डी का खिसक जाना इन इंफेक्शन की वजह से भी यह बीमारि होती है २.मानसिक कारण चिंता, भय, सदमा,शोक, अतिलोभ, क्रोध एवं गंध. हिस्टीरिया, अनिद्रा तथा अन्य मानसिक स्थितियों में भी भूख लगना बंद हो जाती है अरुचि जैसी स्थिति बन जाती है कब्ज या लिवर में इंफेक्शन होने के कारण भी रोग हो जाता है आंतों में रिंग वॉल की मौजूदगी की वजह से अरुचि होने भी बड़ा कारण है और विटामिन 'बी' कॉम्पलेक्स की कमी से भी भूख कम हो जाती है। इस रोग को होने का शारीरिक कारणों की बजे मानसिक कारणों में ज्यादा महत्व होता है याद रखिए- • अधिक पौष्टिक आहार लेने तथा सारे दिन कार्य न करने से भी 'अरुचि' हो जाती है 
रोग की पहचान खाना न खाना
  • खाने के प्रति इच्छा न होना
  • शरीर में कमजोरी 
  • constipation
  • बेचैनी  आदि लक्षणों से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। 
रोग के परिणाम 
रोग के अधिक समय तक चलते रहने और उचित चिकित्सा न करने से शरीर की रस, रक्त, मांस आदि धातुएँ सूखने लगती हैं और उसका वज़न अधिकार े एक छंछं जे जेगिर जाता है। 

•चिकित्सा विधि रोग के मूल कारण को दूर करें। 

भूख बढ़ाने या पाचन में सहायता करने के लिए और carminative दवाइयां भी देनी चाहिए भय, चिंता, शोक जैसी स्थितियों से दूर रहें अगर कांसेपशियन की शिकायत हो तो उसे दूर करने के लिए हफ्ते में एक दो बार दवाइयां लेनी चाहिए 
•खाने में क्या लें 
  • मन पसंद खाना दें                                             
  • चटनी
  • रायता
  • अचार 
  • गेहूँ अगहनी-चावल
  • मूँग
  • पतली मूली
  • बैंगन
  • केला 
  • पपीता
  • अंगूर
  • आम
  • घी                                                      
  • लहसुन
  • सिरका
  • दुग्ध
  • दही
  • मट्ठा 
  • काला नमक
साफ सुथरा और सुकून भरी जगह पर खाना खाना चाहिए याद 
रखिए- इस रोग में रोगी के शरीर में रक्त की पर्याप्त कमी हो जाती है। 
ऐसे रोगी में दीपन-पाचन औषधियों के साथ-साथ 'लिवर-एक्स्ट्रेक्ट' का प्रयोग आवश्यक है।
 सप्ताह में एक बार उपवास रखने से भूख में बढ़ोतरी होती है और 'अरुचि' का विकार नष्ट होता है इस बीमारी को ठीक करने के लिए इन दवाइयां का प्रयोग किया जाता है •
  1. Aristozyme 
  2. Becosule                     
  3. Liv 52 
  4. Cypon [Ciplectin]
  5. Unienzyme 
और अगर पेट में कीड़े की शिकायत हो तो वहां पर आपको 
Tablet:-
  1. Albendazol                 
  2. Bandy
  3. Bandy plus