आपने इंटरनेट पर देखा होगा सेलिब्रिटीज को आसानी से वजन कम करते हुए दवाइयों और इंजेक्शन की मदद से। लेकिन अब यही दवाइयां आम लोगों के लिए भी अवेलेबल हो गई है इंडिया में। आज मैं ऐसी दो दवाइयों के बारे में आपको पूरी जानकारी दूंगा जिससे कि आपको वजन कम करने में आसानी होगी आपने Ozempic नाम की दवा जरूर सुनी होगी। यह US में launch हुई थी लगभग दो-ती साल पहले और सोशल मीडिया की मदद से ये एकदम वायरल हो गई। लोगों को लगने लगा कि ऐसी कोई दवा आ गई है जिसको खाते ही अपने आप वजन कम हो जाता है। यही सेम दवा इंडिया में wegovy नाम से अवेलेबल है। Ozempic और wegovy दोनों ही इंजेक्शंस है। बट इसी दवा का एक टैबलेट फॉर्म भी आता है जिसका नाम है राइबलस। यह बहुत ही कठिन नाम है बट अनफॉर्चूनेटली यही उसका एक्चुअल नाम है। तो Ozempic
wegovy एंड राइबेल्सिस तीनों सेम ही दवाइयां हैं एंड तीनों ही वजन कम करने में मदद करती हैं। अब ये वजन कैसे कम कर पाती हैं? बिकॉज़ इसके अंदर जो मॉलिक्यूल है उसका नाम है Semaglutide injection हमारे बॉडी में एक हार्मोन होता है जिसका नाम है GLP 1।
GLP का फुल फॉर्म है ग्लूकागॉन लाइक पॉलिपेप्टाइड। यह हॉर्मोन का मेन फंक्शन होता है बॉडी में इंसुलिन सीक्रेट करवाना, डाइजेशन को स्लो डाउन करना एंड ब्रेन में सिग्नल पहुंचाना कि अब आपका पेट भर गया है। यानी कि साइटटी सिग्नल। नेचुरली यह हॉर्मोन तभी सीक्रेट होता है जब आप खाना खाते हैं। जब पेट में खाना भरता है। बट यह जो दवाई के अंदर मॉलिक्यूल है, इसका स्ट्रक्चर सेम वही हॉर्मोन जैसा है। एंड ये जाके सेम रिसेप्टर्स पे काम करता है। तो आपके बॉडी को लगता है कि आपने ऑलरेडी खाना खा लिया है। उससे बिना खाना खाए आपको पेट भरे हुए रहने वाली फीलिंग आने लगती है। एंड इंसुलिन भी सीक्रेट होने लगता है। एंड इस तरीके से आपकी अननेसेसरी भूख एंड क्रेविंग्स कम हो जाती है। जैसे ही आपकी इच्छा कंट्रोल में आती है, आप जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, चाट चटौनी कम खाने लगते हो, एंड आपका वजन अपने आप कंट्रोल में आने लगता है। अब यह दवाई आपको कितनी
फ्रीक्वेंटली लेनी पड़ती है। अगर आप इसको इंजेक्शन के फॉर्म में ले रहे हैं, तो आपको हफ्ते में एक बार लगाना होगा इंजेक्शन। यानी कि महीने में चार बार। एंड अगर आप गोली खा रहे हैं तो रोज आपको एक गोली खानी होगी। राइबेल्स अगर आप Google करें या दुकान में खरीदने जाए तो देख के कंफ्यूज मत होइएगा क्योंकि उस पर भी लिखा रहता है कि वह डायबिटीज की दवा है। बट एक्चुअल में वो वजन कम करने के लिए भी यूज करी जाती है। बिकॉज़ Ozempic, wegovy एंड राइबेल्सिस के अंदर का केमिकल कंपाउंड सेम है। बस वो अलग-अलग बीमारियों के लिए यूज़ होते हैं। इसलिए उनके अलग-अलग नाम है। प्रैक्टिकली देखा जाए तो डायबिटीज या टाइप टू डायबिटीज एंड ओबेसिटी ये दोनों साथ ही में पाई जाती है किसी भी व्यक्ति में। इसीलिए कभी-कभी इन दोनों को मिला के डॉक्टर्स डायबेसिटी भी कहते हैं। डायबिटीज एंड ओबेसिटी डायबेसिटी।
अगर हम कॉस्ट की बात करें तो आपको इंजेक्शन जो है रफली ₹14,000 के आसपास का पड़ेगा पर month। एंड गोली आपको पड़ेगी लगभग ₹9,000 के आसपास पर month।
अगर आप यह दवा नहीं लेना चाहते हैं किसी कारणवश तो और क्या-क्या ऑप्शंस हैं आपके पास वजन कम करने के तो सबसे बेसिक ऑप्शन तो है ही व्हिच इज डाइट एंड लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन उसके बाद गैस्ट्रिक बलून एक ऑप्शन होता है एंड उसके आगे बेरियट्रिक सर्जरी का भी ऑप्शन होता है।
👉इन सारी चीजों के बारे में मैं अपने फ्री ओबेसिटी सर्वाइवल गाइड में बताता हूं। ये एक ई-बुक है जो कि आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गई लिंक द्वारा मिल जाएगी। आप उसे फ्री में डाउनलोड करके फुर्सत में पढ़ सकते हैं। एंड अगर कोई सवाल हो तो आप मुझे कांटेक्ट भी कर सकते हैं। मेरी सारी कांटेक्ट डिटेल्स आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगी।
*दूसरी जो दवाई है उसका नाम है मोंजारो या जेप बाउंड। मुझे कोई आईडिया नहीं कि ये दवाइयों के नाम इतने भलते क्यों हैं। मोंजारो जो दवा है वो एक्चुअली डायबिटीज के लिए बनाई गई थी। एंड जेप बाउंड जो दवा है वो एक्चुअली ओबेसिटी के लिए बनाई गई है। उसके अंदर केमिकल कंपाउंड सेम है। बस दो अलग-अलग बीमारियों के लिए दवा है इसलिए उनके नाम अलग-अलग। अब यह मोनोंजारो और जेप बाउंड दोनों ही इंजेक्टेबल फॉर्म में आते हैं। इनके अंदर जो केमिकल कंपाउंड है उसका कोई गोली वाला फॉर्म नहीं आता है। जहां ओजेंपिक या wegovy एक ही टाइप के हॉर्मोन पे इफेक्ट करता है। ये दो अलग-अलग हॉर्मोनस पे इफेक्ट करता है। इसके अंदर के केमिकल कंपाउंड का नाम है Tirzapatide। एंड कुछ स्टडीज का ऐसा कहना है कि टिलपेटाइट से सेमाग्लटाइट के कंपैरिजन में ज्यादा वेट लॉस होता है। तो अब सवाल ये उठता है कि आपको कौन सी दवा लेनी चाहिए? द आंसर इज़ कि आपको जाके किसी ओबेसिटी एक्सपर्ट डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
जैसे बेरियाट्रिक सर्जन है वैसे ही वेट लॉस के अलग-अलग फिजिशियंस भी होते हैं। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट यानी कि जो हॉर्मोंस के डॉक्टर होते हैं वो भी ये दवाइयों के बारे में समझते हैं। तो एक बार आप उनसे बात करेंगे तो वो आपके अलग-अलग ब्लड टेस्ट करके आपको इवैलुएट करके बताएंगे कि आपके लिए कौन सी दवा सही रहेगी। इनमें से कोई भी दवा बिना प्रिस्क्रिप्शन के अवेलेबल नहीं है। एंड
आप बिना डॉक्टर के सुपरविजन के या एडवाइस के उनको खाने की कोशिश भी मत करिएगा। क्या यह दवाई के कोई मेजर साइड इफेक्ट्स हैं? स्पेशली गोली खाने के थोड़े बहुत साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। जैसे उल्टी जैसा लगना जिसको कहते हैं नशिया या कभी-कभी पेट फूला-फूला लगना व्हिच इज ब्लोटिंग। बट ये सारे साइड इफेक्ट्स मेजॉरिटी केसेस में विद इन वन वीक अपने आप सॉल्व हो जाते हैं। कुछ पेशेंट्स को कभी-कभी हेडेक जैसा या चक्कर जैसा भी लग सकता है। उसका कारण होता है सडनली ब्लड ग्लूकोस लेवल कम हो जाना। इसीलिए हम हमेशा कहते हैं कि आप पहले डॉक्टर से पूरा इवैल्यूएशन कराइए। आपके ब्लड शुगर कैसे रहते हैं? कितना फ्लक्चुएट करते हैं? यह सब जानना जरूरी है आपको दवा देने के पहले। जहां तक खर्चे की बात आती है, बोंजारो भी आपको लगभग पर मंथ ₹14,000 का पड़ेगा। अब ये दवाइयां किन के लिए सूटेबल है?
ये दवाइयां ऐसे पेशेंट्स के लिए सूटेबल है जिनका वजन नॉर्मल से 10 टू 15 kg ज्यादा है। या टेक्निकली अगर मैं कहूं तो बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई 30 एंड अबव। अगर आपको नहीं पता बीएमआई क्या होता है तो बीएमआई आपके हाइट के हिसाब से आपके वेट का एक रेश्यो है। तो बीएएमआई 30 एंड अबव अगर आपको कोई बीमारी नहीं है एंड बीएमआई 27 एंड अबव अगर आपको मोटापे के साथ
और भी एसोसिएटेड बीमारियां हैं जैसे डायबिटीज, ब्रेथलेसनेस आपको सोने के टाइम गुर्राटे आते हैं जिसको स्लीप एपनिया कहते हैं वगैरह-वगैरह। तो क्या हर व्यक्ति जिसका वजन ज्यादा है वो ये दवा खा सकता है? उसका वजन कम हो जाएगा? द आंसर इज नो। कुछ स्पेसिफिक मेडिकल कंडीशंस है जो कि पहले चेक करनी पड़ती है जिसके बाद ही ये दवा दी जा सकती है। फॉर एग्जांपल अगर कोई पनक्रिएटाइटिस का मरीज है तो हम उसे सेमाग्लूटाइट देना अवॉइड करेंगे। बिकॉज़ बहुत रेयर केसेस में ऐसा देखा गया है कि सेमाग्लूटाइड यानी कि ओज़ेमपिक वीगोवी राइबल्स वगैरह उनसे कुछ लोगों को
पैंकटाइटिस हुई है। वहीं हम बोंजारो या जेमबाउंड की बात करें तो अगर थायरॉइड के कैंसर की कभी भी किसी को हिस्ट्री रही है फैमिली में या मरीज को खुद रहा है तो हम ये दवाई देना अवॉयड करेंगे।
इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं कि YouTube वीडियो देख के दवा मत खरीदो। डॉक्टर की बात सुनके दवा खरीदो। YouTube वीडियो से सिर्फ जानकारी अपने मन में रखो। अब इससे कितना वेट लॉस एक्सपेक्टेड है? तो मेडिकल रिसर्च के हिसाब से अगर 5% से ज्यादा कोई भी दवा वजन कम करवा दे तो हम उसे सक्सेसफुल वेट लॉस ड्रग कहते हैं। 5% का फिगर इसलिए यूज किया जाता है बिकॉज़ अगर किसी व्यक्ति का वजन कम से कम 5% या आइडियली 10% भी कम हो जाए तो उसको बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट्स मिलने लगते हैं। आप ध्यान दीजिएगा कि हम दवाई खा के किसी को सिक्स पैक एब्स दिलाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ ये चाहते हैं कि 5 % से 10% वजन कम हो जाए जिससे कि जो मेडिकल रिलेटेड बीमारियां उसके शरीर में है ओबेसिटी की वजह से वो चली जाए। तो दवाई खा के हम रफ्ली 5 टू 10% या अगर बहुत ही ज्यादा हुआ तो 15% तक का वेट लॉस एक्सपेक्ट कर सकते हैं। कितने दिन तक आपको दवाई खानी पड़ेगी? तो स्टडीज बताती है कि कम से कम 3 महीने या रफ्ली सिक्स टू 12 मंथ्स भी लग सकते हैं किसी मरीज को अपना वजन कम करने में। तो अगर आप यह दवाई खाना शुरू करना चाहते हैं तो उस किस्म से अपना बजट बनाइएगा कि आपके पास कम से कम 3 मंथ्स या सिक्स मंथ्स अप टू वन ईयर तक की कैपेसिटी होनी चाहिए दवाई को कंटिन्यू करने की। अगर हमने दवा बंद कर दी तो क्या वजन वापस आ जाएगा? द आंसर इज यस। बिकॉज़ यह दवाई बनाई गई है आपके डाइट एंड लाइफस्टाइल के साथ आपको वजन कम करने में हेल्प करने के लिए। अगर आप अपनी डाइट एंड लाइफस्टाइल को नहीं सुधारेंगे। बस दवा की मदद से अपनी भूख को दबा के रखेंगे तो जैसे ही ये दवा का असर जाएगा आपकी भूख वापस बढ़ जाएगी एंड आप फिर से वही अपने पुराने हैबिट्स पे आ जाओगे जिससे वजन बढ़ जाएगा। इस दवाई के बेस्ट रिजल्ट्स पाने के लिए जितनी देर आप इस दवाई के ड्यूरेशन में हो उतना समय आपको यूज़ करना चाहिए अपनी डेली एक्टिविटीज बढ़ाने के लिए एंड जिम जाके मसल्स को बिल्ड करके स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के लिए। उसी के साथ आपको अच्छे क्वालिटी का खाना खाने की आदत डालनी चाहिए। वरना आप जो भी दवा पर खर्चा कर रहे हो ये सब रिवर्स हो जाएगा अगर अपन ने अपनी बेसिक डाइट एंड लाइफस्टाइल को कंट्रोल में नहीं लाया क्या हर ऐज के लोग इसको ले सकते हैं जनरली ये दवाइयां बनाई जाती है 18 इयर्स एंड अबव एज ग्रुप के लिए अगर बच्चों में इसको देना है तो आपको किसी पीडिएट्रिशियन से या किसी ओबेसिटी एक्सपर्ट से पहले बात करना पड़ेगा उसी के बाद आप उसको दे सकते हैं। अगर आप वेट लॉस मेडिसिन के आगे के स्टेप यानी कि गैस्ट्रिक बलून के बारे में जानना चाहते हैं तो मेरा पेज जरुर पढ़िएगा
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