Thursday, September 18

Semaglutide injection-wegovy-Ozempic

Semaglutide injection-wegovy-Ozempic


आपने इंटरनेट पर देखा होगा सेलिब्रिटीज को आसानी से वजन कम करते हुए दवाइयों और इंजेक्शन की मदद से। लेकिन अब यही दवाइयां आम लोगों के लिए भी अवेलेबल हो गई है इंडिया में। आज  मैं ऐसी दो दवाइयों के बारे में आपको पूरी जानकारी दूंगा जिससे कि आपको वजन कम करने में आसानी होगी  आपने Ozempic नाम की दवा जरूर सुनी होगी। यह US में launch हुई थी लगभग दो-ती साल पहले और सोशल मीडिया की मदद से ये एकदम वायरल हो गई। लोगों को लगने लगा कि ऐसी कोई दवा आ गई है जिसको खाते ही अपने आप वजन कम हो जाता है। यही सेम दवा इंडिया में wegovy नाम से अवेलेबल है। Ozempic और wegovy दोनों ही इंजेक्शंस है। बट इसी दवा का एक टैबलेट फॉर्म भी आता है जिसका नाम है राइबलस। यह बहुत ही कठिन नाम है बट अनफॉर्चूनेटली यही उसका एक्चुअल नाम है। तो Ozempic

 wegovy एंड राइबेल्सिस तीनों सेम ही दवाइयां हैं एंड तीनों ही वजन कम करने में मदद करती हैं। अब ये वजन कैसे कम कर पाती हैं? बिकॉज़ इसके अंदर जो मॉलिक्यूल है उसका नाम है Semaglutide injection हमारे बॉडी में एक हार्मोन होता है जिसका नाम है GLP 1। 

GLP का फुल फॉर्म है ग्लूकागॉन लाइक पॉलिपेप्टाइड। यह हॉर्मोन का मेन फंक्शन होता है बॉडी में इंसुलिन सीक्रेट करवाना, डाइजेशन को स्लो डाउन करना एंड ब्रेन में सिग्नल पहुंचाना कि अब आपका पेट भर गया है। यानी कि साइटटी सिग्नल। नेचुरली यह हॉर्मोन तभी सीक्रेट होता है जब आप खाना खाते हैं। जब पेट में खाना भरता है। बट यह जो दवाई के अंदर मॉलिक्यूल है, इसका स्ट्रक्चर सेम वही हॉर्मोन जैसा है। एंड ये जाके सेम रिसेप्टर्स पे काम करता है। तो आपके बॉडी को लगता है कि आपने ऑलरेडी खाना खा लिया है। उससे बिना खाना खाए आपको पेट भरे हुए रहने वाली फीलिंग आने लगती है। एंड इंसुलिन भी सीक्रेट होने लगता है। एंड इस तरीके से आपकी अननेसेसरी भूख एंड क्रेविंग्स कम हो जाती है। जैसे ही आपकी  इच्छा  कंट्रोल में आती है, आप जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, चाट चटौनी कम खाने लगते हो, एंड आपका वजन अपने आप कंट्रोल में आने लगता है। अब यह दवाई आपको कितनी

 फ्रीक्वेंटली लेनी पड़ती है। अगर आप इसको इंजेक्शन के फॉर्म में ले रहे हैं, तो आपको हफ्ते में एक बार लगाना होगा इंजेक्शन। यानी कि महीने में चार बार। एंड अगर आप गोली खा रहे हैं तो रोज आपको एक गोली खानी होगी। राइबेल्स अगर आप Google करें या दुकान में खरीदने जाए तो देख के कंफ्यूज मत होइएगा क्योंकि उस पर भी लिखा रहता है कि वह डायबिटीज की दवा है। बट एक्चुअल में वो वजन कम करने के लिए भी यूज करी जाती है। बिकॉज़ Ozempic, wegovy एंड राइबेल्सिस के अंदर का केमिकल कंपाउंड सेम है। बस वो अलग-अलग बीमारियों के लिए यूज़ होते हैं। इसलिए उनके अलग-अलग नाम है। प्रैक्टिकली देखा जाए तो डायबिटीज या टाइप टू डायबिटीज एंड ओबेसिटी ये दोनों साथ ही में पाई जाती है किसी भी व्यक्ति में। इसीलिए कभी-कभी इन दोनों को मिला के डॉक्टर्स डायबेसिटी भी कहते हैं। डायबिटीज एंड ओबेसिटी डायबेसिटी। 


अगर हम कॉस्ट की बात करें तो आपको इंजेक्शन जो है रफली ₹14,000 के आसपास का पड़ेगा पर month। एंड गोली आपको पड़ेगी लगभग ₹9,000 के आसपास पर month। 


अगर आप यह दवा नहीं लेना चाहते हैं किसी कारणवश तो और क्या-क्या ऑप्शंस हैं आपके पास वजन कम करने के तो सबसे बेसिक ऑप्शन तो है ही व्हिच इज डाइट एंड लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन उसके बाद गैस्ट्रिक बलून एक ऑप्शन होता है एंड उसके आगे बेरियट्रिक सर्जरी का भी ऑप्शन होता है। 


👉इन सारी चीजों के बारे में मैं अपने फ्री ओबेसिटी सर्वाइवल गाइड में बताता हूं। ये एक ई-बुक है जो कि आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गई लिंक द्वारा मिल जाएगी। आप उसे फ्री में डाउनलोड करके फुर्सत में पढ़ सकते हैं। एंड अगर कोई सवाल हो तो आप मुझे कांटेक्ट भी कर सकते हैं। मेरी सारी कांटेक्ट डिटेल्स आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगी। 


*दूसरी जो दवाई है उसका नाम है मोंजारो या जेप बाउंड। मुझे कोई आईडिया नहीं कि ये दवाइयों के नाम इतने भलते क्यों हैं। मोंजारो जो दवा है वो एक्चुअली  डायबिटीज के लिए बनाई गई थी। एंड जेप बाउंड जो दवा है वो एक्चुअली ओबेसिटी के लिए बनाई गई है। उसके अंदर केमिकल कंपाउंड सेम है। बस दो अलग-अलग बीमारियों के लिए दवा है इसलिए उनके नाम अलग-अलग। अब यह मोनोंजारो और जेप बाउंड दोनों ही इंजेक्टेबल फॉर्म में आते हैं। इनके अंदर जो केमिकल कंपाउंड है उसका कोई गोली वाला फॉर्म नहीं आता है। जहां ओजेंपिक या wegovy एक ही टाइप के हॉर्मोन पे इफेक्ट करता है। ये दो अलग-अलग हॉर्मोनस पे इफेक्ट करता है। इसके अंदर के केमिकल कंपाउंड का नाम है Tirzapatide। एंड कुछ स्टडीज का ऐसा कहना है कि टिलपेटाइट से सेमाग्लटाइट के कंपैरिजन में ज्यादा वेट लॉस होता है। तो अब सवाल ये उठता है कि आपको कौन सी दवा लेनी चाहिए? द आंसर इज़ कि आपको जाके किसी ओबेसिटी एक्सपर्ट डॉक्टर से बात करनी चाहिए। 


जैसे  बेरियाट्रिक सर्जन है वैसे ही वेट लॉस के अलग-अलग फिजिशियंस भी होते हैं। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट यानी कि जो हॉर्मोंस के डॉक्टर होते हैं वो भी ये दवाइयों के बारे में समझते हैं। तो एक बार आप उनसे बात करेंगे तो वो आपके अलग-अलग ब्लड टेस्ट करके आपको इवैलुएट करके बताएंगे कि आपके लिए कौन सी दवा सही रहेगी। इनमें से कोई भी दवा बिना प्रिस्क्रिप्शन के अवेलेबल नहीं है। एंड

आप बिना डॉक्टर के सुपरविजन के या एडवाइस के उनको खाने की कोशिश भी मत करिएगा। क्या यह दवाई के कोई मेजर साइड इफेक्ट्स हैं? स्पेशली गोली खाने के थोड़े बहुत साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। जैसे उल्टी जैसा लगना जिसको कहते हैं नशिया या कभी-कभी पेट फूला-फूला लगना व्हिच इज ब्लोटिंग। बट ये सारे साइड इफेक्ट्स मेजॉरिटी केसेस में विद इन वन वीक अपने आप सॉल्व हो जाते हैं। कुछ पेशेंट्स को कभी-कभी हेडेक जैसा या चक्कर जैसा भी लग सकता है। उसका कारण होता है सडनली ब्लड ग्लूकोस लेवल कम हो जाना। इसीलिए हम हमेशा कहते हैं कि आप पहले डॉक्टर से पूरा इवैल्यूएशन कराइए। आपके ब्लड शुगर कैसे रहते हैं? कितना फ्लक्चुएट करते हैं? यह सब जानना जरूरी है आपको दवा देने के पहले। जहां तक खर्चे की बात आती है, बोंजारो भी आपको लगभग पर मंथ ₹14,000 का पड़ेगा। अब ये दवाइयां किन के लिए सूटेबल है? 


ये दवाइयां ऐसे पेशेंट्स के लिए सूटेबल है जिनका वजन नॉर्मल से 10 टू 15 kg ज्यादा है। या टेक्निकली अगर मैं कहूं तो बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई 30 एंड अबव। अगर आपको नहीं पता बीएमआई क्या होता है तो बीएमआई आपके हाइट के हिसाब से आपके वेट का एक रेश्यो है। तो बीएएमआई 30 एंड अबव अगर आपको कोई बीमारी नहीं है एंड बीएमआई 27 एंड अबव अगर आपको मोटापे के साथ

और भी एसोसिएटेड बीमारियां हैं जैसे डायबिटीज, ब्रेथलेसनेस आपको सोने के टाइम गुर्राटे आते हैं जिसको स्लीप एपनिया कहते हैं वगैरह-वगैरह। तो क्या हर व्यक्ति जिसका वजन ज्यादा है वो ये दवा खा सकता है? उसका वजन कम हो जाएगा? द आंसर इज नो। कुछ स्पेसिफिक मेडिकल कंडीशंस है जो कि पहले चेक करनी पड़ती है जिसके बाद ही ये दवा दी जा सकती है। फॉर एग्जांपल अगर कोई पनक्रिएटाइटिस का मरीज है तो हम उसे सेमाग्लूटाइट देना अवॉइड करेंगे। बिकॉज़ बहुत रेयर केसेस में ऐसा देखा गया है कि सेमाग्लूटाइड यानी कि ओज़ेमपिक वीगोवी राइबल्स वगैरह उनसे कुछ लोगों को

पैंकटाइटिस हुई है। वहीं हम बोंजारो या जेमबाउंड की बात करें तो अगर थायरॉइड के कैंसर की कभी भी किसी को हिस्ट्री रही है फैमिली में या मरीज को खुद रहा है तो हम ये दवाई देना अवॉयड करेंगे। 


इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं कि YouTube वीडियो देख के दवा मत खरीदो। डॉक्टर की बात सुनके दवा खरीदो। YouTube वीडियो से सिर्फ जानकारी अपने मन में रखो। अब इससे कितना वेट लॉस एक्सपेक्टेड है? तो मेडिकल रिसर्च के हिसाब से अगर 5% से ज्यादा कोई भी दवा वजन कम करवा दे तो हम उसे सक्सेसफुल वेट लॉस ड्रग कहते हैं। 5% का फिगर इसलिए यूज किया जाता है बिकॉज़ अगर किसी व्यक्ति का वजन कम से कम 5% या आइडियली 10% भी कम हो जाए तो उसको बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट्स मिलने लगते हैं। आप ध्यान दीजिएगा कि हम दवाई खा के किसी को सिक्स पैक एब्स दिलाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ ये चाहते हैं कि 5 % से 10% वजन कम हो जाए जिससे कि जो मेडिकल रिलेटेड बीमारियां उसके शरीर में है ओबेसिटी की वजह से वो चली जाए। तो दवाई खा के हम रफ्ली 5 टू 10% या अगर बहुत ही ज्यादा हुआ तो 15% तक का वेट लॉस एक्सपेक्ट कर सकते हैं। कितने दिन तक आपको दवाई खानी पड़ेगी? तो स्टडीज बताती है कि कम से कम 3 महीने या रफ्ली सिक्स टू 12 मंथ्स भी लग सकते हैं किसी मरीज को अपना वजन कम करने में। तो अगर आप यह दवाई खाना शुरू करना चाहते हैं तो उस किस्म से अपना बजट बनाइएगा कि आपके पास कम से कम 3 मंथ्स या सिक्स मंथ्स अप टू वन ईयर तक की कैपेसिटी होनी चाहिए दवाई को कंटिन्यू करने की। अगर हमने दवा बंद कर दी तो क्या वजन वापस आ जाएगा? द आंसर इज यस। बिकॉज़ यह दवाई बनाई गई है आपके डाइट एंड लाइफस्टाइल के साथ आपको वजन कम करने में हेल्प करने के लिए। अगर आप अपनी डाइट एंड लाइफस्टाइल को नहीं सुधारेंगे। बस दवा की मदद से अपनी भूख को दबा के रखेंगे तो जैसे ही ये दवा का असर जाएगा आपकी भूख वापस बढ़ जाएगी एंड आप फिर से वही अपने पुराने हैबिट्स पे आ जाओगे जिससे वजन बढ़ जाएगा। इस दवाई के बेस्ट रिजल्ट्स पाने के लिए जितनी देर आप इस दवाई के ड्यूरेशन में हो उतना समय आपको यूज़ करना चाहिए अपनी डेली एक्टिविटीज बढ़ाने के लिए एंड जिम जाके मसल्स को बिल्ड करके स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के लिए। उसी के साथ आपको अच्छे क्वालिटी का खाना खाने की आदत डालनी चाहिए। वरना आप जो भी दवा पर खर्चा कर रहे हो ये सब रिवर्स हो जाएगा अगर अपन ने अपनी बेसिक डाइट एंड लाइफस्टाइल को कंट्रोल में नहीं लाया क्या हर ऐज के लोग इसको ले सकते हैं जनरली ये दवाइयां बनाई जाती है 18 इयर्स एंड अबव एज ग्रुप के लिए अगर बच्चों में इसको देना है तो आपको किसी पीडिएट्रिशियन से या किसी ओबेसिटी एक्सपर्ट से पहले बात करना पड़ेगा उसी के बाद आप उसको दे सकते हैं। अगर आप वेट लॉस मेडिसिन के आगे के स्टेप यानी कि गैस्ट्रिक बलून के बारे में जानना चाहते हैं तो मेरा पेज जरुर पढ़िएगा

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Wednesday, September 17

जब बजती हो कानों में सीटी

 क्या आपके कान में हमेशा सिटी की आवज सुनाई देती है या फिर ऐसा महसूस होता है कि आप किसी शोरगुल वाली जगह पर बैठे हैं यह सेहत से जोड़ी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है

जब बजती हो कानों में सीटी
जब बजती हो कानों में सीटी


कानों में अक्सर सीटी, घंटी, गूंज या भिनभिनाहट जैसी आवाजें सुनाई देती हैं, जबकि आस-पास कोई आवाज नहीं होती? अगर हां, तो यह टिनिटस

नामक समस्या का संकेत हो सकता है। यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह शरीर के किसी स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा कर सकती है। टिनिटस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को कानों में बिना किसी बाहरी स्रोत के बार-बार आवाजें सुनाई देती हैं। ये आवाजें सीटी, घंटी, धड़कन जैसी हो सकती हैं या कई बार शोरगुल या गूंज की तरह लगती हैं। यह आवाज एक या दोनों कानों में सुनाई दे सकती है और इसकी तीव्रता हल्की से गंभीर तक हो सकती है।


किन्हें है अधिक खतरा : टिनिटस की समस्या करीब 15-20 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है। उम्र बढ़ने के साथ (विशेष रूप से 60 वर्ष से ऊपर) लोगों को यह समस्या हो सकती है। तेज शोर वाले वातावरण जैसे- ट्रैफिक, मशीनरी या तेज संगीत सुनने से भी यह समस्या हो सकती है। हाल के वर्षों में तेज आवाज में म्यूजिक सुनने की आदत के कारण ऐसी समस्या युवाओं में भी बढ़ी है। अगर आप लंबे समय तक हेडफोन का उपयोग करते हैं, तो आप भी इस समस्या का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा तनाव, नींद की कमी, डिप्रेशन, साइनोसाइटिस, हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड या डायबिटीज भी इसके कारण बनते हैं।

कारण की पहचान : टिनिटस होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- कानों में वैक्स जमना, कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, बहुत तेज आवाजों के संपर्क में रहना, कान में संक्रमण या परदा फटना, कान की हड्डी की समस्या, दांतों की बीमारियां या जबड़े की समस्याएं, सिर में चोट लगना, ब्रेन ट्यूमर, हाई बीपी, हार्मोनल बदलाव विशेषकर महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से टिनिटस हो सकता है। इनके अलावा दिल और रक्तवाहिनियों से जुड़ी समस्याएं भी टिनिटस का कारण बन सकती हैं।


लक्षणों की अनदेखी : अगर आपको कई हफ्तों या महीनों से लगातार आवाजें सुनाई दे रही हैं और यह आपकी सुनने की क्षमता या नींद को प्रभावित कर रही हैं तो तुरंत जांच करवाने की जरूरत है। विशेष रूप से यदि आवाजों की तीव्रता बढ़ रही हो, सुनाई देना कम हो रहा हो, कान से पानी या पस आ रहा हो। इन स्थितियों में ईएनटी विशेषज्ञ से जांच करवाना आवश्यक है। जरूरत पड़ने पर चिकित्सक आपको सीटी स्कैन या एमआरआई कराने की सलाह भी दे सकते हैं।

बहरापन या मानसिक समस्या : टिनिटस की समस्या को लंबे समय तक नजरअंदाज करने से जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ सकता है। इससे चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, नींद न आना, मानसिक तनाव और अवसाद हो सकता है। इसके अलावा गंभीर मामलों में आत्मघाती विचार भी आ सकते हैं।

उपचार भी जान लें : टिनिटस का कोई स्थायी इलाज अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कई तरीकों से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है, जैसे-कान की सफाई और वैक्स हटाना, कुछ दवाओं का सेवन कर, हियरिंग एड या टिनिटस मास्किंग डिवाइस (जो बैकग्राउंड साउंड से अवांछित आवाजों को दबाते हैं), साउंड थेरेपी (धीमा संगीत या व्हाइट, नॉइज की मदद से राहत), बिहेवियरल और कॉग्निटिव थेरेपी, योग, ध्यान और स्ट्रेस मैनेजमेंट की मदद से इस परेशानी को कम किया जा सकता है।


बेहतर खान-पान पर ध्यान जरूरी

सही खान-पान से टिनिटस के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। मैग्नीशियम नसों की कार्यक्षमता को बेहत्तर बनता है। इसके लिए आप पालक, बादाम का सेवन कर सकते हैं। जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। इसके लिए आप

कद्दू के बीज, फलियों का सेवन कर सकते हैं। विटामिन बी-12

न्यूरल हेल्थ के लिए जरूरी होता है। इसके लिए आप अंडा, मछली और दूध का सेवन कर सकते हैं। विटामिन डी और ई ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाव करते हैं। इसकी आपूर्ति के लिए आप डेयरी उत्पाद और अखरोट का सेवन करें। साथ ही धूप में समय बिताने से भी विटामिन डी मिलता है। टिनिटस से बचाव के लिए तेज आवाज में संगीत न सुनें। शोर वाले वातावरण में ईयर प्लग का उपयोग करें। इसके अलावा पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें। नियमित व्यायामउ समय तक बना रहता है, तो ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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Thursday, September 11

Anorexia [ आरोचक ]



Anorexia
[ आरोचक ]आरोचक, अंग्रेजी में 'एनोरेक्सिया' तथा आम बोलचाल में खाना खाने की इच्छा न होना। खाना खाने की इच्छा न होने को "अरुचि" कहते हैं। इसको आरोचक भी कहा जाता है क्योंकि भोजन के लेने में ही रुचि न हो वह 'अरुचि है। इसे ऐसे भी कहा गया है कि "भूख होते हुए भी व्यक्ति भोजन को खाने में असमर्थ हो तो वह 'अरुचि कहलाती है या भूख लगी हो और भोजन भी स्वादिष्ट हो, फिर भी भोजन करने की इच्छा न हो तो इसे अरुचि' की ही केहते है
 
यह प्रॉब्लम ज्यादातर मरीजों में कब्ज,चिकनाईयुक्त या कम रेशेदार भोजन के खाने से होती है। खाने के साथ कम मात्रा में पानी पीने से तथा शारीरिक कसरत (Exercise) के कमी में आँतों की कार्यशीलता धीमी हो जाती है। अरुचि मुख्य लक्षण •रोगी को खाने में कोई दिलचस्पी नहीं रहती। यदि वह खाने बैठ भी जाए तो 2-4 कौर अथवा 1-2 रोटी खाकर उठ बैठता है और आगे खाने का मन भी नहीं करता है •मुँह का स्वाद बिगड़ा हुआ, छाती में जलन यानी कि हाइपर एसिडिटी । •थोड़ा खाने के बाद पेट भरा-सा होता है। •रोगी को खट्टी-खट्टी या सूखी डकारें आती हैं। •पेट भारी मालूम पड़ता है और मुँह में पानी-सा भर आता है। •रोगी को थोड़ा सा काम करते ही थकावट महसूस होती है। •किसी कार्य को करने की इच्छा नहीं होती। •चेहरा रुखा रुखा सा दिखाना। •मुख से ग्राम दुर्गंध आना •आहार गले से नीचे उतरने में असमर्थता । •दुबला पतला शरीर। •खून की कमी होने पर भी यह रोग होता है *इस तरीके की समस्या होने पर ये होने वाले रोगों का लक्षण भी हो सकता है •रोग के मुख्य कारण। १.शारीरिक कारण 
  1. fever                                                                   
  2. कब्ज
  3. निमोनिया 
  4. चेचक
  5. खसरा
  6. Typhoid
  7. मलेरिया
  8. आँत में इन्फेक्शन
  9. stomach cancer
  10. Chronic diseases
  11. T.B,
कुछ मरीजों में लम्बे समय तक बिस्तर पर रहना होता है, जैसे- हार्ट अटैक, हिप डिस्लोकेशन कूल्हे की हड्डी का खिसक जाना इन इंफेक्शन की वजह से भी यह बीमारि होती है २.मानसिक कारण चिंता, भय, सदमा,शोक, अतिलोभ, क्रोध एवं गंध. हिस्टीरिया, अनिद्रा तथा अन्य मानसिक स्थितियों में भी भूख लगना बंद हो जाती है अरुचि जैसी स्थिति बन जाती है कब्ज या लिवर में इंफेक्शन होने के कारण भी रोग हो जाता है आंतों में रिंग वॉल की मौजूदगी की वजह से अरुचि होने भी बड़ा कारण है और विटामिन 'बी' कॉम्पलेक्स की कमी से भी भूख कम हो जाती है। इस रोग को होने का शारीरिक कारणों की बजे मानसिक कारणों में ज्यादा महत्व होता है याद रखिए- • अधिक पौष्टिक आहार लेने तथा सारे दिन कार्य न करने से भी 'अरुचि' हो जाती है 
रोग की पहचान खाना न खाना
  • खाने के प्रति इच्छा न होना
  • शरीर में कमजोरी 
  • constipation
  • बेचैनी  आदि लक्षणों से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। 
रोग के परिणाम 
रोग के अधिक समय तक चलते रहने और उचित चिकित्सा न करने से शरीर की रस, रक्त, मांस आदि धातुएँ सूखने लगती हैं और उसका वज़न अधिकार े एक छंछं जे जेगिर जाता है। 

•चिकित्सा विधि रोग के मूल कारण को दूर करें। 

भूख बढ़ाने या पाचन में सहायता करने के लिए और carminative दवाइयां भी देनी चाहिए भय, चिंता, शोक जैसी स्थितियों से दूर रहें अगर कांसेपशियन की शिकायत हो तो उसे दूर करने के लिए हफ्ते में एक दो बार दवाइयां लेनी चाहिए 
•खाने में क्या लें 
  • मन पसंद खाना दें                                             
  • चटनी
  • रायता
  • अचार 
  • गेहूँ अगहनी-चावल
  • मूँग
  • पतली मूली
  • बैंगन
  • केला 
  • पपीता
  • अंगूर
  • आम
  • घी                                                      
  • लहसुन
  • सिरका
  • दुग्ध
  • दही
  • मट्ठा 
  • काला नमक
साफ सुथरा और सुकून भरी जगह पर खाना खाना चाहिए याद 
रखिए- इस रोग में रोगी के शरीर में रक्त की पर्याप्त कमी हो जाती है। 
ऐसे रोगी में दीपन-पाचन औषधियों के साथ-साथ 'लिवर-एक्स्ट्रेक्ट' का प्रयोग आवश्यक है।
 सप्ताह में एक बार उपवास रखने से भूख में बढ़ोतरी होती है और 'अरुचि' का विकार नष्ट होता है इस बीमारी को ठीक करने के लिए इन दवाइयां का प्रयोग किया जाता है •
  1. Aristozyme 
  2. Becosule                     
  3. Liv 52 
  4. Cypon [Ciplectin]
  5. Unienzyme 
और अगर पेट में कीड़े की शिकायत हो तो वहां पर आपको 
Tablet:-
  1. Albendazol                 
  2. Bandy
  3. Bandy plus

Tuesday, September 9

10 Proven Ways to Make Money Online


In today’s digital era, earning money online is no longer a distant dream but a practical reality. With the right approach, skills, and consistency, anyone can generate income from the comfort of their home. Here are **ten proven ways to make money online** that have helped countless individuals build sustainable sources of income.


Freelancing remains one of the most popular and reliable methods of making money online. Platforms such as **Upwork, Fiverr, and Freelancer** allow individuals to offer services ranging from writing and graphic design to programming and marketing. The key is to build a strong profile, deliver quality work, and maintain good client relationships.

2. Content Writing and Blogging

If you have a flair for writing, blogging can be a powerful way to earn. By creating a niche blog and consistently publishing valuable content, you can generate revenue through **advertisements, sponsored posts, and affiliate marketing**. It takes time to build traffic, but once established, blogs can become long-term income streams.

3. Affiliate Marketing

Affiliate marketing involves promoting products or services of other companies and earning a commission for each sale made through your referral link. Popular platforms like **Amazon Associates** and **ShareASale** provide opportunities in various niches. To succeed, you need a good online presence, whether through a website, blog, or social media.
4. Online Tutoring and Teaching

The demand for online education has soared globally. If you have expertise in a subject, you can teach students through platforms such as **Chegg Tutors, Preply, or even YouTube**. English language teaching, coding, mathematics, and science are particularly in demand.

5. Selling Digital Products

Digital products, such as **e-books, online courses, stock photos, and design templates**, can be sold repeatedly without the need for inventory. Platforms like **Udemy, Gumroad, and Etsy (for digital art and printables)** make it easy to set up your store and reach a global audience.

6. Social Media Influencing

Social media platforms have created a new breed of entrepreneurs: influencers. If you can grow a loyal audience on platforms like **Instagram, YouTube, or TikTok**, brands may pay you for promotions, collaborations, and sponsored content. Consistency and authenticity are key to building trust with followers.
7. Dropshipping and E-Commerce

Dropshipping allows you to run an online shop without holding inventory. When a customer purchases a product, it is shipped directly from the supplier to the buyer. Platforms like **Shopify** and **WooCommerce** make it simple to launch an e-commerce store. Success depends on product selection, marketing, and customer service.

8. Stock Photography and Videography

If you are skilled in photography or videography, websites like **Shutterstock, Adobe Stock, and iStock** let you sell your work. Each time someone downloads your image or video, you earn royalties. With high demand for quality visuals, this can become a steady passive income source.

9. Remote Work Opportunities

Many companies now offer full-time or part-time remote jobs in fields like customer support, data entry, content moderation, and software development. Websites such as **Remote.co, We Work Remotely, and FlexJobs** list hundreds of opportunities that pay well

10. Investing and Online Trading
While riskier than other methods, investing in **stocks, cryptocurrencies, or forex trading** can generate significant returns if approached with knowledge and caution. Platforms like **eToro and Robinhood** provide easy access for beginners. It is important to start small, research thoroughly, and never invest more than you can afford to lose.
Final Thoughts

Earning money online requires patience, discipline, and a willingness to learn. While some methods bring quick results, others demand long-term commitment before showing profits. The most successful individuals often combine several of these approaches to diversify their income streams.

The digital economy is continuously expanding, and those who adapt early stand the best chance of building financial freedom from the online world.

10 Proven Ways to Make Money Online in 2025

**Meta Description:** Discover 10 proven and practical ways to make money online in 2025. From freelancing and blogging to dropshipping and online tutoring, learn how to build a steady digital income stream.

Introduction

With the rise of the digital economy, earning money online has become a genuine career path for millions. Whether you are looking for a side hustle or a full-time business, there are countless opportunities available. Here are **ten proven ways to make money online** that can help you achieve financial independence in 2025.
1. Freelancing

Freelancing is one of the most reliable online income sources. Websites such as **Upwork, Fiverr, and Freelancer** allow you to showcase your skills in writing, design, programming, or marketing.

* **Key Tip:** Build a professional profile and focus on client satisfaction to secure repeat work.

2. Blogging and Content Writing

Blogging remains a powerful way to generate passive income. By creating niche-focused content, you can earn through:

  • Google AdSense
  • Sponsored posts
  • Affiliate links

3. Affiliate Marketing

Affiliate marketing lets you earn a commission by promoting other companies’ products. Platforms like **Amazon Associates, Awin, and ShareASale** make it easy to get started.

* **Pro Tip:** Build trust with your audience instead of only pushing sales.
4. Online Tutoring and E-Learning

The online education industry is booming. If you are skilled in a subject, you can teach through **Preply, Chegg Tutors, or even YouTube**.

* Popular areas: English teaching, coding, science, and maths.

5. Selling Digital Products

Digital products such as **e-books, online courses, stock photos, and design templates** are highly profitable because they can be sold repeatedly.

* Best platforms: **Udemy, Gumroad, and Etsy (for printables)**.

6. Social Media Influencing

Building a loyal following on **Instagram, TikTok, or YouTube** can lead to brand sponsorships and paid collaborations.

* **Success Tip:** Consistency and authenticity are the keys to influencer growth.

 7. Dropshipping and E-Commerce

Dropshipping allows you to run an online shop without handling inventory. Platforms like **Shopify** make the process simple.

* Focus on trending products and effective digital marketing for success.

 8. Stock Photography and Videography

If you enjoy photography, you can sell your work on **Shutterstock, iStock, or Adobe Stock**. Every download earns you a royalty.

* Great for building a **passive income stream**.

9. Remote Work and Virtual Jobs

Many companies now offer **remote jobs** in data entry, customer support, and software development.

* Trusted sites: **Remote.co, We Work Remotely, FlexJobs**.

10. Investing and Online Trading

Investing in **stocks, crypto, or forex trading** can yield high returns if done wisely.

* Start small, research markets, and avoid risky shortcuts.
Final Thoughts

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Sunday, September 7

vaginal fungal infection / Antifungal Medicine

Zocon Powder: Complete information


Antifungal Medicine
Antifungal Medicine 



1. Zocon Powder एक एंटी-फंगल दवा (Antifungal Medicine) है, जिसका मुख्य उपयोग त्वचा पर होने वाले फंगल संक्रमणों को ठीक करने में किया जाता है। यह दवा Clotrimazole नामक  (Active Ingredient)  होता है। Zocon ब्रांड के अंतर्गत टैबलेट, कैप्सूल, क्रीम, इंजेक्शन और पाउडर, सभी प्रकार में उपलब्ध हैं, लेकिन यहाँ हम विशेष रूप से Zocon Dusting Powder की बात कर रहे हैं। फंगल इंफेक्शन भारत जैसे गर्म और  (humid) वातावरण वाले देशों में बहुत सामान्य हैं। शरीर के पसीने वाले हिस्सों (जैसे बगल, गर्दन, जांघ, कमर, पैरों की उंगलियों के बीच) में यह समस्या अधिक देखी जाती है। Zocon Powder त्वचा पर लगाकर इन फंगल इन्फेक्शन से राहत दिलाता है और खुजली, जलन तथा दुर्गंध को भी कम करता है।

Thursday, September 4

ARTHIRITIS- /Osteoarthritis / Knee Pain

 


• Arthritis /Osteoarthritis / Knee Pain

ओस्टियो आर्थिटिस (अस्थि संधि शोथ )

परिचय-यह संधियों का चिरकारी (Chronic) व्यंजन वाला रोग है। यह एक साथ या अनेक संधियों को आक्रान्त कर सकता है तथा शरीर की किसी भी सन्धि में हो सकता है। सामान्य रूप से 40 वर्ष की अवस्था के बाद 90% व्यक्तियों की संधियों में इस प्रकार के परिवर्तन होते हैं परन्तु लक्षण केवल 80% व्यक्तियों में ही उत्पन्न होते हैं।

सन्धियों में होने वाले चिरकारी (क्रोनिक) शोथ या बदलाव को सन्धिशोथ (आर्थराइटिस) कहते है, यह शरीर के किसी भी सन्धि में हो सकता है। इसमें सम्पूर्ण सन्धि में बदलाव आ जाते हैं यह एक साथ अनेक संधियों में हो सकता है। यह रोग निरन्तर बढ़ने वाला होता है।


लक्षण-निम्न प्रकार से हैं-


  • यह एक क्षीणकारी (Degenerative) रोग है, जिसके सार्वदैहिक लक्षण नहीं होते।
  • रोग का प्रारम्भ प्रच्छन्न रूप से (Insidious) होता है।
  • रोगी मध्य आयु अथवा अधिक अवस्था का ।
  • एक या अधिक सन्धियों में पीड़ा।
  • अकड़न (Stifness) एवं करकराहट का शब्द ।
  • चलते-फिरते या काम करने के बाद संधियों में पीड़ा। पीड़ा हल्की अथवा तेज ।
  • विश्राम के बाद प्रातः काल सोकर उठने पर संधियों में जड़ता ।
  • संधियों में सूजन, स्पर्शासह्यता एवं ताप। उनमें द्रव संचय भी हो सकता है।
  • सामान्यतः हड्डियों में वृद्धि, पर विरूपता (Deformity) बहुत कम ।
  • सन्धि की गति सीमित हो जाती है ।
  • रक्त के ई. एस. आर. में वृद्धि। जिन संधियों पर शरीर का भार पड़ता है उनमें यह रोग होता है एवं सीढ़ियाँ चढ़ने पर दर्द बढ़ जाता है।
  • सर्वाधिक घुटने और कूल्हे (Hip) की हड्डियाँ प्रभावित होती हैं।
  • कूल्हे की सन्धि प्रभावित होने पर जाँघ में बाहर की ओर पीड़ा ।


सावधान-


  • 'सियाटिका' का भ्रम हो सकता है, पर पीड़ा का स्थान उससे भिन्न होता है एवं सन्धि की गति कम ।
  • छोटी-बड़ी किसी भी सन्धि में पीड़ा, शोथ, करकराहट एवं कोने निकलना सम्भव ।

Wednesday, September 3

Vitamin d3 oral solution



Vitamin D3 Oral Solution 5ml क्या है?


यह एक दवा (oral solution) है जिसमें Vitamin D3 (Cholecalciferol) होता है।
इसे शरीर में Vitamin D की कमी पूरी करने के लिए दिया जाता है।


Vitamin D3 की कमी के लक्षण कैसे पहचानें ताकि समय पर इलाज किया जा सके?


Vitamin D3 की कमी के लक्षण
1. हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़े लक्षण

•हड्डियों में दर्द या कमजोरी
•कमज़ोर मांसपेशियाँ (Muscle weakness)
•कमज़ोर जोड़ (Joint pain)
•बच्चों में रिकेट्स (Rickets) यानी हड्डियों का टेढ़ा होना
•बड़ों में Osteomalacia (हड्डियाँ नरम हो जाना)


2. शारीरिक थकान और कमजोरी
•हर समय थकान महसूस होना
•एनर्जी की कमी रहना
•रोज़मर्रा के काम करने में दिक़्क़त


3. हड्डी टूटने का खतरा (Fracture risk)
•छोटी सी चोट लगने पर भी हड्डी टूट जाना
•बुजुर्गों में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)


4. इम्यून सिस्टम पर असर
•बार-बार सर्दी-ज़ुकाम होना
•संक्रमण (Infection) जल्दी होना


5. अन्य लक्षण
•नींद की समस्या
•डिप्रेशन या मूड स्विंग्स
•बाल झड़ना (Hair fall)
•दाँत कमजोर होना


Substitutes (विकल्प दवाएँ):-


अगर Vitamin D3 Oral Solution 5ml उपलब्ध न हो तो ये ब्रांड्स (विकल्प) इस्तेमाल किए जाते हैं (डॉक्टर की सलाह पर):


Calcirol Oral Solution
•D-Rise Oral Solution
•Uprise-D3 Oral Solution
•Tayo 60K Solution
•Arachitol Nano Solution
इनमें से कोई भी सॉल्यूशन इस्तेमाल कर सकते हैं सभी सॉल्यूशन का कंटेंट से होता है


मुख्य उपयोग (Uses)


• विटामिन D की कमी (Vitamin D Deficiency)
• हड्डियों की कमजोरी (Osteomalacia)
• बच्चों में रिकेट्स (Rickets) रोकने के लिए
• बुजुर्गों में हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए
कैल्शियम अवशोषण (Calcium absorption) बढ़ाने में मदद करता है
• इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मजबूत करता है


(Side Effects)


सामान्यतः सही मात्रा में लेने पर सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा लेने पर ये समस्याएँ हो सकती हैं:


• उल्टी या मितली (Nausea, Vomiting)
• कब्ज़ (Constipation)
• पेट दर्द (Stomach pain)
• सिरदर्द (Headache)
• ज्यादा कैल्शियम बनने से किडनी में पथरी का खतरा
• बहुत अधिक डोज़ पर हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia)
अगर इस तरीके की समस्या बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए


अब मैं आपको Vitamin D3 Oral Solution 5ml की खुराक (Dosage) और लेने का सही तरीका विस्तार से बता रहा हूँ:


खुराक (Dosage) – Vitamin D3 Oral Solution 5ml


खुराक व्यक्ति की उम्र, शरीर की ज़रूरत और विटामिन D की कमी के स्तर पर निर्भर करती है।


1. बच्चों (Children) के लिए


•आमतौर पर डॉक्टर 200 IU – 600 IU प्रतिदिन देते हैं।
•छोटे बच्चों में 1ml से 2.5ml तक दिया जा सकता है (डॉक्टर की सलाह के अनुसार)।


2. (Adults) के लिए


•सामान्य कमी होने पर: 1000 IU – 2000 IU प्रतिदिन
•ज्यादा कमी होने पर: 60,000 IU सप्ताह में 1 बार (आमतौर पर 6–8 हफ्तों तक) लिया जा सकता है
•अक्सर 5ml सॉल्यूशन में 60,000 IU होता है, जिसे डॉक्टर हफ्ते में 1 बार लेने की सलाह देते हैं।


3. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ


लगभग 1000–2000 IU प्रतिदिन की खुराक दी जाती है, लेकिन डॉक्टर की देखरेख ज़रूरी है।


महत्वपूर्ण सावधानियाँ
हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
खुद से ज़्यादा मात्रा न लें, वरना नुकसान हो सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लेने से पहले डॉक्टर से पूछना चाहिए।
किडनी या लिवर की समस्या वाले मरीज डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।


कैसे लें (Method of Taking)


•यह oral solution है, इसे सीधे मुँह से लेना होता है।
•खाने के बाद लेना सबसे अच्छा रहता है ताकि अवशोषण (absorption) अच्छा हो।
•अगर बोतल दी गई है तो उपयोग से पहले अच्छी तरह हिलाएँ (shake well)।


इसे दूध या पानी में मिलाकर भी लिया जा सकता है।


ध्यान देने योग्य बातें


•कभी भी खुद से डोज़ न बढ़ाएँ।
•यदि आप पहले से कैल्शियम की दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं।
•ज्यादा डोज़ लेने पर हड्डियों में दर्द, बार-बार पेशाब आना, कमजोरी, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं → तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


Vitamin D की कमी कैसे कन्फ़र्म करें?


सिर्फ लक्षण देखकर पता नहीं चलता, इसके लिए ब्लड टेस्ट (25-hydroxy Vitamin D test) कराया जाता है।


•सामान्य स्तर: 20–40 ng/ml
•20 ng/ml से कम → Deficiency मानी जाती है।


Vitamin D3 प्राकृतिक रूप से कैसे बढ़ाएँ (खाना और लाइफस्टाइल से)?


1. धूप (Sunlight) – सबसे अच्छा स्रोत


• सुबह की धूप (7–9 बजे तक) या शाम की हल्की धूप (4–6 बजे तक) में 15–30 मिनट रहना चाहिए।
• धूप से शरीर खुद Vitamin D3 बनाता है।
• कोशिश करें कि धूप सीधे त्वचा पर पड़े (बिना सनस्क्रीन, लेकिन थोड़े समय के लिए ही)।


2. खाने से Vitamin D3
कुछ खाद्य पदार्थों में Vitamin D3 पाया जाता है:
• फैटी फिश: सैल्मन, टूना, सार्डिन
• अंडे की ज़र्दी (Egg yolk)
• दूध और डेयरी उत्पाद (fortified milk, दही, पनीर)
• मशरूम (खासतौर पर धूप में सुखाए हुए)
• फोर्टिफाइड फूड्स: पैकेज्ड दूध, सोया मिल्क, ऑरेंज जूस, जिनमें Vitamin D मिलाया गया हो


3. सप्लीमेंट्स (अगर कमी ज़्यादा हो)


अगर प्राकृतिक तरीके से कमी पूरी न हो तो डॉक्टर Vitamin D3 कैप्सूल, टेबलेट या Oral Solution लिखते हैं।
• बहुत बार 60,000 IU हफ़्ते में एक बार वाली डोज़ दी जाती है।


ध्यान रखें


• Vitamin D ज्यादा लेना भी खतरनाक है (Hypervitaminosis D)।


प्राकृतिक तरीकों के साथ सप्लीमेंट्स केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें।


क्या आप चाहेंगे कि मैं आपको एक डेली रूटीन चार्ट बना कर दूँ जिससे आप Vitamin D3 को प्राकृतिक रूप से बनाए रख सकें?


यहाँ मैं आपको एक डेली रूटीन चार्ट दे रहा हूँ जिससे आप प्राकृतिक रूप से Vitamin D3 का लेवल अच्छा बनाए रख सकें।


Vitamin D3 के लिए डेली रूटीन चार्ट
सुबह (7–9 बजे तक)15–20 मिनट धूप में समय बिताएँ (हाथ, चेहरा और बाजू खुला रखें)।


1 गिलास गुनगुना दूध (अगर संभव हो तो फोर्टिफाइड दूध) पिएँ।


नाश्ता (Breakfast)


• उबला हुआ अंडा / आमलेट (egg yolk के साथ)
या फोर्टिफाइड सीरियल्स + दूध
• 4–5 भिगोए हुए बादाम + 1 अखरोट


दोपहर का खाना (Lunch)


• सामान्य भारतीय भोजन (चपाती, दाल, सब्जी)
• हरी सब्जियाँ (Spinach, Broccoli) सलाद + 1 कटोरी दही


शाम (4–6 बजे तक)


• हल्की धूप में 10–15 मिनट टहलना
• 1 गिलास लस्सी / छाछ / दूध


रात का खाना (Dinner)


1 कटोरी सब्जी (मशरूम या हरी सब्जियाँ अच्छा विकल्प)
• 1–2 रोटी / चावल + दाल
• अगर नॉनवेज खाते हैं तो हफ्ते में 2–3 बार फिश (सैल्मन/टूना/सार्डिन)


सोने से पहले


1 गिलास हल्का गरम दूध


विशेष ध्यान दें


• धूप + भोजन सबसे अच्छा कॉम्बिनेशन है।
बहुत ज़्यादा धूप में न बैठें, बस 15–20 मिनट पर्याप्त है।


अगर ब्लड टेस्ट में कमी ज्यादा आए तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स (60K IU / drops) लें।


क्या आप चाहेंगे कि मैं आपको एक साप्ताहिक डाइट प्लान (Weekly Diet Plan) भी बनाकर दूँ जिसमें हर दिन Vitamin D3 बढ़ाने वाले फूड शामिल हों?

Vitamin D3 Weekly Diet Plan


 सोमवार
  1. • नाश्ता : दूध + उबला अंडा + ओट्स
  2. • लंच : चपाती, दाल, पालक सब्जी, सलाद + 1 कटोरी दही
  3. • स्नैक्स (शाम) : लस्सी + 4 बादाम
  4. • डिनर : मशरूम करी + चपाती/चावल
मंगलवार
• नाश्ता : फोर्टिफाइड सीरियल्स + दूध
• लंच : मछली (सैल्मन/सार्डिन) + चावल + सब्जी
• स्नैक्स : दूध/छाछ + फल (संतरा या मौसमी)
• डिनर : वेज पुलाव + रायता
बुधवार
• नाश्ता : आमलेट + ब्राउन ब्रेड + दूध
• लंच : राजमा/चना + चपाती + सलाद + दही
• स्नैक्स : अंकुरित दाल + छाछ
• डिनर : पालक पनीर + चपाती
गुरुवार
• नाश्ता : दूध + पीनट बटर ब्रेड / पराठा + अंडा
• लंच : दाल-चावल + सब्जी + दही
• स्नैक्स : नारियल पानी + फल (पपीता/तरबूज)
• डिनर : मशरूम पुलाव + रायता
शुक्रवार
• नाश्ता : दूध + उबला अंडा + उपमा/पोहा
• लंच : फिश करी + चावल + सलाद
• स्नैक्स : लस्सी + 4–5 बादाम + 1 अखरोट
• डिनर : मिक्स वेज करी + चपाती
शनिवार
• नाश्ता : दूध + फोर्टिफाइड कॉर्नफ्लेक्स
• लंच : दाल, पनीर की सब्जी + चपाती
• स्नैक्स : स्प्राउट्स + छाछ
• डिनर : मशरूम + चावल
रविवार
• नाश्ता : दूध + अंडा भुर्जी + ब्राउन ब्रेड
• लंच : चिकन करी / फिश + चावल + सलाद
• स्नैक्स : लस्सी / नारियल पानी + फल
• डिनर : पालक + पनीर करी + चपाती
एक्स्ट्रा टिप्स
* रोज़ाना 15–20 मिनट धूप ज़रूर लें।
* अगर शाकाहारी हैं तो अंडा और मछली की जगह मशरूम + फोर्टिफाइड दूध/सीरियल्स लें।
* हफ्ते में 2–3 बार दही या लस्सी लेना बहुत फायदेमंद है।