Thursday, September 4

ARTHIRITIS- /Osteoarthritis / Knee Pain

 


• Arthritis /Osteoarthritis / Knee Pain

ओस्टियो आर्थिटिस (अस्थि संधि शोथ )

परिचय-यह संधियों का चिरकारी (Chronic) व्यंजन वाला रोग है। यह एक साथ या अनेक संधियों को आक्रान्त कर सकता है तथा शरीर की किसी भी सन्धि में हो सकता है। सामान्य रूप से 40 वर्ष की अवस्था के बाद 90% व्यक्तियों की संधियों में इस प्रकार के परिवर्तन होते हैं परन्तु लक्षण केवल 80% व्यक्तियों में ही उत्पन्न होते हैं।

सन्धियों में होने वाले चिरकारी (क्रोनिक) शोथ या बदलाव को सन्धिशोथ (आर्थराइटिस) कहते है, यह शरीर के किसी भी सन्धि में हो सकता है। इसमें सम्पूर्ण सन्धि में बदलाव आ जाते हैं यह एक साथ अनेक संधियों में हो सकता है। यह रोग निरन्तर बढ़ने वाला होता है।


लक्षण-निम्न प्रकार से हैं-


  • यह एक क्षीणकारी (Degenerative) रोग है, जिसके सार्वदैहिक लक्षण नहीं होते।
  • रोग का प्रारम्भ प्रच्छन्न रूप से (Insidious) होता है।
  • रोगी मध्य आयु अथवा अधिक अवस्था का ।
  • एक या अधिक सन्धियों में पीड़ा।
  • अकड़न (Stifness) एवं करकराहट का शब्द ।
  • चलते-फिरते या काम करने के बाद संधियों में पीड़ा। पीड़ा हल्की अथवा तेज ।
  • विश्राम के बाद प्रातः काल सोकर उठने पर संधियों में जड़ता ।
  • संधियों में सूजन, स्पर्शासह्यता एवं ताप। उनमें द्रव संचय भी हो सकता है।
  • सामान्यतः हड्डियों में वृद्धि, पर विरूपता (Deformity) बहुत कम ।
  • सन्धि की गति सीमित हो जाती है ।
  • रक्त के ई. एस. आर. में वृद्धि। जिन संधियों पर शरीर का भार पड़ता है उनमें यह रोग होता है एवं सीढ़ियाँ चढ़ने पर दर्द बढ़ जाता है।
  • सर्वाधिक घुटने और कूल्हे (Hip) की हड्डियाँ प्रभावित होती हैं।
  • कूल्हे की सन्धि प्रभावित होने पर जाँघ में बाहर की ओर पीड़ा ।


सावधान-


  • 'सियाटिका' का भ्रम हो सकता है, पर पीड़ा का स्थान उससे भिन्न होता है एवं सन्धि की गति कम ।
  • छोटी-बड़ी किसी भी सन्धि में पीड़ा, शोथ, करकराहट एवं कोने निकलना सम्भव ।

Wednesday, September 3

Vitamin d3 oral solution



Vitamin D3 Oral Solution 5ml क्या है?


यह एक दवा (oral solution) है जिसमें Vitamin D3 (Cholecalciferol) होता है।
इसे शरीर में Vitamin D की कमी पूरी करने के लिए दिया जाता है।


Vitamin D3 की कमी के लक्षण कैसे पहचानें ताकि समय पर इलाज किया जा सके?


Vitamin D3 की कमी के लक्षण
1. हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़े लक्षण

•हड्डियों में दर्द या कमजोरी
•कमज़ोर मांसपेशियाँ (Muscle weakness)
•कमज़ोर जोड़ (Joint pain)
•बच्चों में रिकेट्स (Rickets) यानी हड्डियों का टेढ़ा होना
•बड़ों में Osteomalacia (हड्डियाँ नरम हो जाना)


2. शारीरिक थकान और कमजोरी
•हर समय थकान महसूस होना
•एनर्जी की कमी रहना
•रोज़मर्रा के काम करने में दिक़्क़त


3. हड्डी टूटने का खतरा (Fracture risk)
•छोटी सी चोट लगने पर भी हड्डी टूट जाना
•बुजुर्गों में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)


4. इम्यून सिस्टम पर असर
•बार-बार सर्दी-ज़ुकाम होना
•संक्रमण (Infection) जल्दी होना


5. अन्य लक्षण
•नींद की समस्या
•डिप्रेशन या मूड स्विंग्स
•बाल झड़ना (Hair fall)
•दाँत कमजोर होना


Substitutes (विकल्प दवाएँ):-


अगर Vitamin D3 Oral Solution 5ml उपलब्ध न हो तो ये ब्रांड्स (विकल्प) इस्तेमाल किए जाते हैं (डॉक्टर की सलाह पर):


Calcirol Oral Solution
•D-Rise Oral Solution
•Uprise-D3 Oral Solution
•Tayo 60K Solution
•Arachitol Nano Solution
इनमें से कोई भी सॉल्यूशन इस्तेमाल कर सकते हैं सभी सॉल्यूशन का कंटेंट से होता है


मुख्य उपयोग (Uses)


• विटामिन D की कमी (Vitamin D Deficiency)
• हड्डियों की कमजोरी (Osteomalacia)
• बच्चों में रिकेट्स (Rickets) रोकने के लिए
• बुजुर्गों में हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए
कैल्शियम अवशोषण (Calcium absorption) बढ़ाने में मदद करता है
• इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मजबूत करता है


(Side Effects)


सामान्यतः सही मात्रा में लेने पर सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा लेने पर ये समस्याएँ हो सकती हैं:


• उल्टी या मितली (Nausea, Vomiting)
• कब्ज़ (Constipation)
• पेट दर्द (Stomach pain)
• सिरदर्द (Headache)
• ज्यादा कैल्शियम बनने से किडनी में पथरी का खतरा
• बहुत अधिक डोज़ पर हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia)
अगर इस तरीके की समस्या बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए


अब मैं आपको Vitamin D3 Oral Solution 5ml की खुराक (Dosage) और लेने का सही तरीका विस्तार से बता रहा हूँ:


खुराक (Dosage) – Vitamin D3 Oral Solution 5ml


खुराक व्यक्ति की उम्र, शरीर की ज़रूरत और विटामिन D की कमी के स्तर पर निर्भर करती है।


1. बच्चों (Children) के लिए


•आमतौर पर डॉक्टर 200 IU – 600 IU प्रतिदिन देते हैं।
•छोटे बच्चों में 1ml से 2.5ml तक दिया जा सकता है (डॉक्टर की सलाह के अनुसार)।


2. (Adults) के लिए


•सामान्य कमी होने पर: 1000 IU – 2000 IU प्रतिदिन
•ज्यादा कमी होने पर: 60,000 IU सप्ताह में 1 बार (आमतौर पर 6–8 हफ्तों तक) लिया जा सकता है
•अक्सर 5ml सॉल्यूशन में 60,000 IU होता है, जिसे डॉक्टर हफ्ते में 1 बार लेने की सलाह देते हैं।


3. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ


लगभग 1000–2000 IU प्रतिदिन की खुराक दी जाती है, लेकिन डॉक्टर की देखरेख ज़रूरी है।


महत्वपूर्ण सावधानियाँ
हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
खुद से ज़्यादा मात्रा न लें, वरना नुकसान हो सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लेने से पहले डॉक्टर से पूछना चाहिए।
किडनी या लिवर की समस्या वाले मरीज डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।


कैसे लें (Method of Taking)


•यह oral solution है, इसे सीधे मुँह से लेना होता है।
•खाने के बाद लेना सबसे अच्छा रहता है ताकि अवशोषण (absorption) अच्छा हो।
•अगर बोतल दी गई है तो उपयोग से पहले अच्छी तरह हिलाएँ (shake well)।


इसे दूध या पानी में मिलाकर भी लिया जा सकता है।


ध्यान देने योग्य बातें


•कभी भी खुद से डोज़ न बढ़ाएँ।
•यदि आप पहले से कैल्शियम की दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं।
•ज्यादा डोज़ लेने पर हड्डियों में दर्द, बार-बार पेशाब आना, कमजोरी, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं → तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


Vitamin D की कमी कैसे कन्फ़र्म करें?


सिर्फ लक्षण देखकर पता नहीं चलता, इसके लिए ब्लड टेस्ट (25-hydroxy Vitamin D test) कराया जाता है।


•सामान्य स्तर: 20–40 ng/ml
•20 ng/ml से कम → Deficiency मानी जाती है।


Vitamin D3 प्राकृतिक रूप से कैसे बढ़ाएँ (खाना और लाइफस्टाइल से)?


1. धूप (Sunlight) – सबसे अच्छा स्रोत


• सुबह की धूप (7–9 बजे तक) या शाम की हल्की धूप (4–6 बजे तक) में 15–30 मिनट रहना चाहिए।
• धूप से शरीर खुद Vitamin D3 बनाता है।
• कोशिश करें कि धूप सीधे त्वचा पर पड़े (बिना सनस्क्रीन, लेकिन थोड़े समय के लिए ही)।


2. खाने से Vitamin D3
कुछ खाद्य पदार्थों में Vitamin D3 पाया जाता है:
• फैटी फिश: सैल्मन, टूना, सार्डिन
• अंडे की ज़र्दी (Egg yolk)
• दूध और डेयरी उत्पाद (fortified milk, दही, पनीर)
• मशरूम (खासतौर पर धूप में सुखाए हुए)
• फोर्टिफाइड फूड्स: पैकेज्ड दूध, सोया मिल्क, ऑरेंज जूस, जिनमें Vitamin D मिलाया गया हो


3. सप्लीमेंट्स (अगर कमी ज़्यादा हो)


अगर प्राकृतिक तरीके से कमी पूरी न हो तो डॉक्टर Vitamin D3 कैप्सूल, टेबलेट या Oral Solution लिखते हैं।
• बहुत बार 60,000 IU हफ़्ते में एक बार वाली डोज़ दी जाती है।


ध्यान रखें


• Vitamin D ज्यादा लेना भी खतरनाक है (Hypervitaminosis D)।


प्राकृतिक तरीकों के साथ सप्लीमेंट्स केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें।


क्या आप चाहेंगे कि मैं आपको एक डेली रूटीन चार्ट बना कर दूँ जिससे आप Vitamin D3 को प्राकृतिक रूप से बनाए रख सकें?


यहाँ मैं आपको एक डेली रूटीन चार्ट दे रहा हूँ जिससे आप प्राकृतिक रूप से Vitamin D3 का लेवल अच्छा बनाए रख सकें।


Vitamin D3 के लिए डेली रूटीन चार्ट
सुबह (7–9 बजे तक)15–20 मिनट धूप में समय बिताएँ (हाथ, चेहरा और बाजू खुला रखें)।


1 गिलास गुनगुना दूध (अगर संभव हो तो फोर्टिफाइड दूध) पिएँ।


नाश्ता (Breakfast)


• उबला हुआ अंडा / आमलेट (egg yolk के साथ)
या फोर्टिफाइड सीरियल्स + दूध
• 4–5 भिगोए हुए बादाम + 1 अखरोट


दोपहर का खाना (Lunch)


• सामान्य भारतीय भोजन (चपाती, दाल, सब्जी)
• हरी सब्जियाँ (Spinach, Broccoli) सलाद + 1 कटोरी दही


शाम (4–6 बजे तक)


• हल्की धूप में 10–15 मिनट टहलना
• 1 गिलास लस्सी / छाछ / दूध


रात का खाना (Dinner)


1 कटोरी सब्जी (मशरूम या हरी सब्जियाँ अच्छा विकल्प)
• 1–2 रोटी / चावल + दाल
• अगर नॉनवेज खाते हैं तो हफ्ते में 2–3 बार फिश (सैल्मन/टूना/सार्डिन)


सोने से पहले


1 गिलास हल्का गरम दूध


विशेष ध्यान दें


• धूप + भोजन सबसे अच्छा कॉम्बिनेशन है।
बहुत ज़्यादा धूप में न बैठें, बस 15–20 मिनट पर्याप्त है।


अगर ब्लड टेस्ट में कमी ज्यादा आए तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स (60K IU / drops) लें।


क्या आप चाहेंगे कि मैं आपको एक साप्ताहिक डाइट प्लान (Weekly Diet Plan) भी बनाकर दूँ जिसमें हर दिन Vitamin D3 बढ़ाने वाले फूड शामिल हों?

Vitamin D3 Weekly Diet Plan


 सोमवार
  1. • नाश्ता : दूध + उबला अंडा + ओट्स
  2. • लंच : चपाती, दाल, पालक सब्जी, सलाद + 1 कटोरी दही
  3. • स्नैक्स (शाम) : लस्सी + 4 बादाम
  4. • डिनर : मशरूम करी + चपाती/चावल
मंगलवार
• नाश्ता : फोर्टिफाइड सीरियल्स + दूध
• लंच : मछली (सैल्मन/सार्डिन) + चावल + सब्जी
• स्नैक्स : दूध/छाछ + फल (संतरा या मौसमी)
• डिनर : वेज पुलाव + रायता
बुधवार
• नाश्ता : आमलेट + ब्राउन ब्रेड + दूध
• लंच : राजमा/चना + चपाती + सलाद + दही
• स्नैक्स : अंकुरित दाल + छाछ
• डिनर : पालक पनीर + चपाती
गुरुवार
• नाश्ता : दूध + पीनट बटर ब्रेड / पराठा + अंडा
• लंच : दाल-चावल + सब्जी + दही
• स्नैक्स : नारियल पानी + फल (पपीता/तरबूज)
• डिनर : मशरूम पुलाव + रायता
शुक्रवार
• नाश्ता : दूध + उबला अंडा + उपमा/पोहा
• लंच : फिश करी + चावल + सलाद
• स्नैक्स : लस्सी + 4–5 बादाम + 1 अखरोट
• डिनर : मिक्स वेज करी + चपाती
शनिवार
• नाश्ता : दूध + फोर्टिफाइड कॉर्नफ्लेक्स
• लंच : दाल, पनीर की सब्जी + चपाती
• स्नैक्स : स्प्राउट्स + छाछ
• डिनर : मशरूम + चावल
रविवार
• नाश्ता : दूध + अंडा भुर्जी + ब्राउन ब्रेड
• लंच : चिकन करी / फिश + चावल + सलाद
• स्नैक्स : लस्सी / नारियल पानी + फल
• डिनर : पालक + पनीर करी + चपाती
एक्स्ट्रा टिप्स
* रोज़ाना 15–20 मिनट धूप ज़रूर लें।
* अगर शाकाहारी हैं तो अंडा और मछली की जगह मशरूम + फोर्टिफाइड दूध/सीरियल्स लें।
* हफ्ते में 2–3 बार दही या लस्सी लेना बहुत फायदेमंद है।

GOUT-गाउटी अर्थाइटिस (गठिया)


नाम पर्याय :-वात रक्त, गठिया


परिचय रक्त में यूरिक अम्ल के अत्यधिक हो जाने एवं Tissues तथा जोड़ी में सोडियम यूरेट के जमा होने के कारण जोड़ों में विशेषकर पैर के अंगूठे की प्रपद-अंगुलारिख सन्धि के सूजन हो जाना जिसमें बहुत तेज दर्द होता है जो अधिकतर रात में शुरू होता है और यह रोग अधिकांशत: पुराने शराबियों में होता है।

Sunday, August 31

viral infection, fever, खाँसी, नज़ला / जुकाम



ज़्यादातर common viral flu / viral upper respiratory infection में देखे जाते हैं। वयस्कों (Adults) में आमतौर पर यह 5–7 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। फिर भी आराम और सही दवा लेने से जल्दी राहत मिलती है।




वायरल इंफेक्शन, बुखार, खाँसी और नज़ला/जुकाम के समय कुछ महत्वपूर्ण टिप्स अपनाने से जल्दी आराम मिलता है और इम्युनिटी भी मज़बूत रहती है। 

 आसान और उपयोगी टिप्स

1. आराम करें (Rest is best)

  •  शरीर को रिकवरी के लिए समय चाहिए, इसलिए पर्याप्त नींद लें।
  •  ज़्यादा काम या थकान से बचें।

2. हाइड्रेशन (Hydration)

  • दिनभर खूब पानी, सूप, नींबू पानी, नारियल पानी पिएँ।
  • डिहाइड्रेशन होने से थकान और बुखार बढ़ सकता है।

3. गर्म भाप (Steam Inhalation)

  • दिन में 1–2 बार भाप लें।
  • नाक बंद और गले की खराश में बहुत राहत मिलेगी।

4. गले की देखभाल

  • गुनगुने पानी और नमक से गरारे करें।
  • ठंडी चीज़ें (आइसक्रीम, ठंडा पानी) न लें।

5. खाना हल्का और पौष्टिक रखें

  • खिचड़ी, दलिया, दाल का सूप, हरी सब्जियाँ और फल लें।
  • तैलीय और भारी खाना फिलहाल टालें।

6. इम्युनिटी बूस्ट करें

  • हल्दी वाला दूध
  • अदरक, तुलसी और शहद की चाय
  • विटामिन-C वाले फल (संतरा, अमरूद, नींबू)

7. दवा का सही इस्तेमाल करें

  • बुखार/दर्द में Paracetamol लें।
  • खाँसी और नाक बंद के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाई गई सिरप/एंटी-एलर्जिक दवा लें।
  • एंटीबायोटिक खुद से कभी न लें (वायरस पर असर नहीं करते)।

Thursday, August 28

Hempushpa Syrup

 

Hempushpa Syrup
Hempushpa Syrup

सीरप हेमपुष्पा क्या है?

सीरप हेमपुष्पा एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जो महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है। यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और पौधों के अर्क से बना है। इसका उपयोग मुख्य रूप से महिलाओं में होने वाली विभिन्न शारीरिक और मानसिक समस्याओं के प्रबंधन में किया जाता है।

यह कैसे काम करता है?

हेमपुष्पा सीरप में कई जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो मिलकर काम करती हैं:

  •  हार्मोनल संतुलन: यह महिलाओं के शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  •  मासिक धर्म संबंधी विकार: यह मासिक धर्म की अनियमितताओं, पेट में ऐंठन, पेल्विक दर्द और कमर दर्द जैसे लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है।
  •  रक्त शोधन: इसमें मौजूद कुछ जड़ी-बूटियाँ रक्त को शुद्ध करने में मदद करती हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है और शरीर से विषैले तत्व निकलते हैं।
  •  पोषक तत्वों की पूर्ति: यह उन महिलाओं के लिए एक पौष्टिक टॉनिक के रूप में भी काम कर सकता है जो कमजोर या कम वजन वाली हैं, जिससे energy का स्तर बढ़ता है।
  •  समग्र कल्याण: यह थकान, कमजोरी और भूख न लगने जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

इसके यूजेस (उपयोग) क्या हैं?

हेमपुष्पा सीरप का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जा सकता है:

  •  मासिक धर्म संबंधी विकार (अनियमित पीरियड्स, दर्द, आदि)
  •  हार्मोनल असंतुलन
  •  पेट में ऐंठन और पेल्विक दर्द
  •  एनीमिया (खून की कमी)
  •  कमर दर्द
  •  जी मिचलाना और उल्टी की प्रवृत्ति
  •  थकान और कमजोरी
  •  भूख न लगना
  •  मूत्र संबंधी समस्याएं (जैसे पेशाब करते समय जलन)
  •  पेट की समस्याएं
  •  रजोनिवृत्ति के लक्षण (जैसे हॉट फ्लैश)
  •  शारीरिक कमजोरी

इसके साइड इफेक्ट क्या हैं?

हेमपुष्पा सीरप आमतौर पर प्राकृतिक अवयवों से बना होता है और इसका सेवन अनुशंसित खुराक में करने पर आमतौर पर कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं देखा जाता है। हालांकि, कुछ लोगों में निम्नलिखित मामूली दुष्प्रभाव हो सकते हैं:

 * पेट में हल्की असहजता

 * अपच

यदि आपको कोई असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो इसका उपयोग बंद कर दें और अपने चिकित्सक से सलाह लें।

सावधानियां:

 * गर्भवती महिलाओं को इस सीरप का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

 * मधुमेह रोगियों को इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए क्योंकि इसमें शर्करा हो सकती है।

 * किसी भी अन्य दवा के साथ इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।

खुराक:

आमतौर पर, वयस्कों के लिए इसकी अनुशंसित खुराक 7 मिलीलीटर दिन में दो बार भोजन के बाद होती है, या चिकित्सक द्वारा निर्देशित अनुसार।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है। वे आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार उचित

 निदान और उपचार प्रदान कर सकते हैं।

Nurokind gold injection | Nurokind gold injection hindi

  

Nurokind Gold Injection
Nurokind Gold Injection


मांसपेशियों और नसों की समस्या को तथा विटामिन की कमी को दूर करने वाले की इंजेक्शन के बारे में जानेंगे यह इंजेक्शन तीन अलग-अलग दावों का कंपोजिशन है methylcobalamin, Nicotinamide तथा Pyridoxine  यह सभी दवाइयां क्या है इस इंजेक्शन को किस नाम से आप मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं किन-किन बीमारियों में इंजेक्शन दिया जा सकता है किन मरीज को ये नहीं दिया जा सकता है इसको किस तरह से दिया जाता है कितने दोनों तक इसको लिया जाना चाहिए इसके साइड इफेक्ट क्या होते हैं 

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 methylcobalamin,Mecobalamin,Cyanocobalamin नाम से भी जानते हैं यह विटामिन बी12 जो हमारे शरीर में सेल्स की ग्रोथ ब्लडफोर्मेशन तथा प्रोटीन सिंथेसिस को रेगुलेट करता है इसमें जो Nicotinamide है यह विटामिन बी3 है जो हमारे शरीर का न्यूट्रिएंट्स को पूरा करता है साथ ही जो Pyridoxine hydrochloride एक विशेष विटामिन है जिसे B6 कहा जाता है। यह हमारे शरीर को हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन, जैसे sugar (मीठा) और प्रोटीन, को energy में बदलने में मदद करता है। यह हमारी red blood cells (जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं) और हमारी नसों को ठीक से काम करने में भी मदद करता है। कभी-कभी, जब हमारा शरीर इन Nutrients Elements को सही तरीके से ग्रहण या उपयोग नहीं कर पाता, तो हमारे शरीर में पर्याप्त विटामिन नहीं हो सकते। ऐसे मामलों में, हमें इस स्थिति को ठीक करने और स्वस्थ रहने में मदद के लिए यह विटामिन इंजेक्शन लेतेे है 

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हम आगे जानेंगे कि यह किन बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं में मददगार हो सकता है।

अभी, अगर इसकी strength की बात करें, तो इस इंजेक्शन में मिथाइलकोबालामिन नामक एक विशेष विटामिन होता है, जिसकी मात्रा 1500 mg होती है। इसमें निकोटिनामाइड नामक एक और विटामिन भी होता है, जिसकी मात्रा 100 mg होती है, और पाइरिडोक्सिन नामक एक विटामिन भी होता है, जिसकी मात्रा भी 100 mg होती है। 

क्या आप जानते हैं कि जब हम दवा की दुकान पर जाते हैं, तो हम इसे किस नाम से पूछ सकते हैं?

तो कुछ पॉपुलर ब्रांड नाम है जैसे की Nurokind Gold Injection, MP-12 इंजेक्शन,Nurohealth Gold इंजेक्शन,NEUROLAC PLUS इंजेक्शन यह इसके कुछ पॉपुलर ब्रांड है जिसको आप आसानी से खरीद सकते हैं अब

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कभी-कभी, लोग पर्याप्त स्वस्थ भोजन नहीं खाते और उनका शरीर कमज़ोर हो जाता है। उन्हें बहुत थकान महसूस हो सकती है, हाथ-पैरों में दर्द हो सकता है, भूख कम लग सकती है और वज़न कम होने लग सकता है। ऐसे में, उन्हें फिर से मज़बूत बनाने के लिए ये विटामिन इंजेक्शन दिए जाते हैं। पेरिफेरल न्यूरोपैथी नाम की एक समस्या भी होती है, जिसमें पैरों की नसें कमज़ोर हो जाती हैं और बहुत तेज़ दर्द होता है जो आसानी से ठीक नहीं होता। यह मधुमेह से पीड़ित लोगों को भी हो सकता है, और इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहते हैं। ये इंजेक्शन उस समस्या को भी ठीक करने में मदद करते हैं। अंत में, अगर किसी को एनीमिया है, तो इसका मतलब है कि उसके शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएँ नहीं हैं, जो रक्त में ऑक्सीजन पहुँचाती हैं। ये इंजेक्शन उस समस्या को ठीक करने में मदद करते हैं 

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जिससे व्यक्ति बेहतर महसूस करता है और ज़्यादा ऊर्जावान रहता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिनस की कमी है, तो डॉक्टर उसे मदद के लिए एक विशेष इंजेक्शन दे सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हैं (जो अचानक होने वाली हलचल या दौरे हैं) या उसका दिल ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो उसे भी मज़बूत बनाने के लिए यह इंजेक्शन दिया जा सकता है। अगर किसी के शरीर में अमीनो एसिड नामक कुछ निर्माणकारी तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं, तो उसके पेशाब से बदबू आ सकती है, उसे बहुत गुस्सा आ सकता है, उसका वज़न कम हो सकता है, या खाना पचाने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में भी उसे इस इंजेक्शन की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर कोई बहुत बीमार है और उसके शरीर से विटामिन कम हो रहे हैं, या उसकी मांसपेशियों में दर्द हो रहा है, तो यह इंजेक्शन उसमें भी मदद कर सकता है।

ट्रिक होने जैसा दर्द हो रहा है वह दर्द पेन कलर से नहीं जा रहा है साथ ही वेट लॉस है किसी का वजन नहीं बाढ़ रहा है तो इन्हीं स्थितियां में भी यह इंजेक्शन डॉक्टर द्वारा दिए जाता है 

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अगर आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं या आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इंजेक्शन लगवाने से पहले डॉक्टर को बताना बहुत ज़रूरी है। उदाहरण के लिए, अगर कोई मिर्गी की दवा ले रहा है, तो उसे यह इंजेक्शन तब तक नहीं लगवाना चाहिए जब तक डॉक्टर ठीक न कहें। सुरक्षित रहने के लिए यह इंजेक्शन लगवाते समय हमेशा डॉक्टर की सलाह का पालन करें। जब कोई यह इंजेक्शन लगवाता है, तो कभी-कभी उसे पेट दर्द, भ्रम, सिरदर्द या हाथ-पैर सुन्न होने जैसे दुष्प्रभाव महसूस हो सकते हैं। अगर इंजेक्शन के बाद कोई और अजीब सी अनुभूति या समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर को बताना बहुत ज़रूरी है। अगर कोई एथलीट दौड़ने का अभ्यास कर रहा है या किसी परीक्षा की तैयारी में कड़ी मेहनत कर रहा है, और बहुत दौड़ने के बाद उसके पैरों में दर्द होने लगता है, 

तो डॉक्टर उसे दर्द से राहत दिलाने और उसके पैरों को मज़बूत बनाने के लिए एक खास इंजेक्शन दे सकते हैं। डॉक्टर इन इंजेक्शनों का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के लिए करते हैं, और नए शोध और अपने अनुभव के आधार पर, वे अन्य समस्याओं के लिए भी ये इंजेक्शन दे सकते हैं। वीडियो में, वे बताते हैं कि इंजेक्शन कैसे दिया जाता है। इसे इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन कहा जाता है, यानी इसे मांसपेशियों में, आमतौर पर नितंबों या कूल्हों में, इंजेक्ट किया जाता है। इंजेक्शन देने से पहले, इसे एक बोतल में ग्लूकोज़ जैसे किसी खास तरल पदार्थ के साथ मिला कर दे सकते हैं। कभी-कभी, व्यक्ति की कमज़ोरी या मधुमेह जैसी किसी बीमारी के आधार पर इसे अन्य दवाओं के साथ भी मिलाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी को मधुमेह है, तो उसे डॉक्टर को बताना चाहिए क्योंकि यह उसके लिए सुरक्षित हो सकता है।

यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है कोई भी इंजेक्शन या दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चहिए



Saturday, August 23

Hyperthyroidism symptoms | Thyroid symptoms

 

Hyperthyroidism symptoms
Hyperthyroidism symptoms



What is thyroid and symptoms

• Thyroid is a butterfly shaped gland located in the lower part of the neck, which controls the metabolism of the body. This gland is called thyroid in medical language.


• Its work is to control many essential activities of the body such as converting food into energy etc. These hormones help in weight loss or gain by controlling calorie intake.


• It enables the body to use energy


• It produces hormones that keep the heart, brain, and other body organs functioning properly


• It keeps the body warm


The thyroid produces two main hormones: 

1-Thyroxine (T4) 

2-Triiodothyronine(T3) 


• Thyroid problems occur when this gland produces more or less hormones than required


• Thyroid problems can be seen in two ways:

• When the thyroid gland produces less hormones than the normal range for the body  Hypo-thyroidism)

A person can become fat in this 

• When the thyroid gland produces more hormones than the normal range Hyper-thyroidism 

A person can become thin in this


• If the thyroid decreases or increases from its normal range then these symptoms start appearing

• weight loss or gain वज़न घटना या बढ़ाना

irritability and nervousness चिड़चिड़ापन और घबराहट होना 

Insomnia सोने में परेशानी होना (अनिद्रा) 

Muscle weakness मांसपेशियों में कमज़ोरी होना 

Irregular menstruation अनियमित मासिक धर्म 

trembling of hands हाथों का काँपना

Excessive sweating अधिक पसीना आना

increased heart rate दिल की धड़कन बढ़ना

thinning and hair loss बालों का पतला होना एवं झड़ना

muscle weakness and pain मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द रहना


• When there is a thyroid problem, the first thing that happens is pain in the neck. Because the thyroid gland is in front of the neck. In such a situation, the neck area gets affected.


normal range


• What is the normal range of thyroid

Thyroid Stimulating Hormone (TSH) 0.4-4.0 milli-international units per liter (mIU/L)

• Thyroxine (T4) 6.0-10.7 micrograms per deciliter (mcg/dL) 

 • Triiodothyronine (T3) 100-200 nanograms per deciliter ( ng/dL )के बीच होना चाहिए


Medicine identifying (दवा की पहचान)

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Thyroid Stimulating Hormone (TSH) is a hormone that the pituitary gland makes to signal the thyroid gland to make and release thyroid hormone: What TSH Does TSH stimulates the thyroid to make thyroxine (T4) and triiodothyronine (T3). T3 stimulates the metabolism of almost every tissue in the body.