Wednesday, February 24

Sugar or Diabetes mein kya Antar hai

 शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है?

डायबिटिक एक बीमारी है और शुगर हमारे शरीर का एनर्जी सोर्सेस है


Sugar or Diabetes mein kya Antar hai
Sugar or Diabetes mein kya Antar hai


 blood में ग्लूकोज़ की मात्रा को कहते हैं।Blood sugar

  blood वाहिनियों द्वारा यातायातित ग्लूकोज़, शरीर की कोशिकाओं की मुख्य ऊर्जा स्रोत (main energy source )है

 इसके बिगड़ने से ही diabetes की बीमारी हो जाती है।

 अब बात करते हैं इंसुलिन की जो डायबिटीज पेशेंट को दिया जाता है जो हमारे शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण है इसके ना होने से क्या होता है आइए जानते हैं 

 इंसुलिन हमारे शरीर का एक हारमोंस है जिसका निर्माण पेनक्रियाज में होता है हमारे पेनक्रियाज बीटा सेल्स को निकालता है जो कार्बोहाइड्रेट को कन्वर्ट करके ब्लड शुगर बनाता है इंसुलिन के जरिए यह ब्लड शुगर ऊर्जा में तब्दील हो जाता है अगर पेनक्रिया  इंसुलिन बनाना बंद करते हैं तो ब्लड ग्लूकोस में कन्वर्ट नहीं होगा और डायबिटीज की बीमारी होती है इंसुलिन हमारे शरीर का मीन एनर्जी सोर्सेस हैइस के बिगड़ने से ही डायबिटीज की बीमारी होती है

 इंसोल हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। इंसोल के जरिए ही रक्त में कोशिकाओं को शुगर मिलती है यानी इंसोल शरीर के अन्य भागों में blood sugar पहुंचाने का काम करता है। 

 डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन हिसाब से दिया जाता है शुगर लेवल देख कर अगर डायबिटीज इसके बावजूद कंट्रोल में नहीं आती है तो उसका इंसुलिन की डोज बढ़ा दिया जाता है डायबिटीज के नुकसानात मरीजों पर अलग-अलग होते हैं

 डायबिटीज के मरीजों पर गलत प्रभाव ना पड़े इसके लिए इंसुलिन की डोज दी जाती है

   डायबिटीज की बीमारी हमारे शरीर  का इंसुलिन बनने नहीं देती और यह इंसुलिन  बनाना बंद कर देता है 

  और हमारे शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलनहीं रह पाती हैं और शुगर उनमें स्‍टोर न होकर खून में शामिल हो जाता है  टाइप 1 डायबिटीज में हमारी

  बॉडी का इंसोल बनाना ही बंद कर देता है। इंसुलिन हमरा बॉडी का एक ऑटोइम्‍यून डिजीज है। 

  Typ 2 डायबिटीज के मरीजों में  शरीर इंसुला का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है और इस अवस्था को इंसुला प्रतिरोध कहते है.  पेंक्रियास पहले इसके लिए सही इंसुलिन बनाता है. हालांकि समयके साथ यह blood sugar को सामान्य हालात पर रखने के लिए पर्याप्त नहीं बना पाता है. इसलिए डायबिटीज टू की श्रेणी में आता है 





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