यदि खाई चीज अच्छी तरह ना पचे यह हजम ना हो तो उसे
Dyspepsia या इनडाइजेशन कहते हैं पाचन संस्था में होने वाली तमाम लोगों में यह मुख्य तौर पर होता देखा गया है आजकल इस रोग से अधिक लोग पीड़ित हैडिस्पेप्सिया के मुख्य लक्षण
इस रोग से पीड़ित लोगों को भूख नहीं लगती सदा बेचैन से रहते हैं उसे बार-बार खट्टी डकार आती रहती है मुंह में पानी भर आता है रोगी को अक्सर छाती में जलन सा महसूस करता है सर में भारीपन की शिकायत रहती है उसका जीवन मिचलाता रहता है रोगी को कभी-कभी चक्कर भी आते हैं रोगी का पेट फूल जाना पेट में दर्द रहना आम शिकायत रहती है और कब्ज की शिकायत रहती है
रोग के प्रमुख कारण
समय-समय पर बहुत ज्यादा घनिष्ठ भोजन करना
भोजन को बिना चबाए निकलना
भोजन के समय बहुत सा पानी पीना तंबाकू शराब सिगरेट चाय का सेवन मानसिक तनाव में रहना या बहुत शारीरिक व्यायाम करना
रोग का परिणाम
रोग पुराना होने पर पेट में गैस बनने लगती है स्नायु दुर्लभता हो जाती है सिर भारी भारी बना रहता है और रोगी को चक्कर आने लगते हैं
डिस्पेप्सिया indignation रोग में उपवास हितकारी होता है सप्ताह में कम से कम एक बार उपवास करना ही चाहिए इनडाइजेशन के रोगी को खाना खाने के उपरांत पुदीने की चटनी लाभकारी होती है । सिरके की चटनी तथा अदरक का मुरब्बा विशेष लाभदायक होता है इससे भूक खुलती है और बदहजमी दूर होती है कच्चे नारियल का पानी कच्ची गिरी तथा कच्चे पपीते की सब्जी लाभकारी होती है भोजन के साथ सेंधा नमक अदरक के साथ मिलाकर अच्छा रहता है यदि पाचन शक्ति को सही करना हो तो हरड़, सोंठ, गुर को बराबर बराबर लेकर 1/2 चम्मच भोजन के पूर्व सादे पानी से प्रयोग करना चाहिए
No comments: